गोवा में कचरा निपटान नियमों की सख्ती: नया विधेयक पारित

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-08-2025
Goa assembly passes bill to tighten rules for garbage disposal
Goa assembly passes bill to tighten rules for garbage disposal

 

पणजी

गोवा विधानसभा ने गैर-जैविक कचरे के अवैध निपटान पर सख्ती से रोक लगाने के लिए एक संशोधित विधेयक पारित किया है, जिसमें उल्लंघन करने वालों के लिए ₹3 लाख तक जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।

इस विधेयक के तहत पुलिस को अवैध कचरा फेंकने में इस्तेमाल किए गए वाहनों को जब्त करने का अधिकार भी मिलेगा।

गोवा गैर-जैविक कचरा (नियंत्रण) (संशोधन) विधेयक, 2025 को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को मानसून सत्र के दौरान पर्यावरण मंत्री एलेक्सो सिक्वेरा की अनुपस्थिति में सदन में प्रस्तुत किया।

विधेयक पर विस्तृत चर्चा के बाद इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह विधेयक 1996 के मूल अधिनियम में संशोधन करता है और "थोक कचरा उत्पादक", "कचरा संग्राहक" और "सामग्री पुनर्प्राप्ति केंद्र (MRF)" जैसे नए शब्दों को परिभाषित करता है।

विधेयक के अनुसार अब मल्टीलेयर प्लास्टिक, रबर, टेट्रा पैक, गत्ते के डिब्बे और जूट जैसी अधिक गैर-जैविक कचरा सामग्री को अधिनियम के दायरे में शामिल किया गया है।

सावंत ने बताया कि अब सार्वजनिक स्थलों, जल निकायों या नालियों में कचरा फेंकना स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

सभी संपत्ति मालिकों, निवासियों, उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों को अधिकृत प्रणालियों के माध्यम से कचरे के उचित निपटान को सुनिश्चित करना अनिवार्य किया गया है।

दंड में भारी वृद्धि की गई है – आवासीय क्षेत्रों में बार-बार उल्लंघन करने पर ₹5,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, जबकि व्यावसायिक संस्थानों पर ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

गंभीर उल्लंघनों, जैसे बड़े पैमाने पर कचरे का डंपिंग या जलाना, पर ₹3 लाख तक का जुर्माना और जेल की सजा भी हो सकती है।

पुलिस अब अवैध कचरा फेंकने में इस्तेमाल वाहनों को जब्त कर सकेगी। वाहन मालिक का ड्राइविंग लाइसेंस 1 से 6 महीने तक निलंबित किया जा सकता है, और बार-बार उल्लंघन की स्थिति में स्थायी रूप से रद्द किया जा सकता है। ऐसे मामलों में ₹1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

साथ ही, थोक कचरा उत्पादकों, कचरा संग्राहकों, पुनर्चक्रणकर्ताओं और सह-प्रसंस्करणकर्ताओं को अब गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना और कचरे के निपटान के लिए पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

सरकार के अनुसार, इस विधेयक का कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक गोवा की कचरा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने, सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ बनाने और जल निकायों व पारिस्थितिक तंत्र को प्रदूषण से बचाने की दिशा में एक अहम कदम है।