आधार कार्ड की महिमा: गूंगा लड़का 6 साल बाद मिला अपनी मां से

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 12-03-2022
आधार कार्ड की महिमा: गूंगा लड़का 6 साल बाद मिला अपनी मां से
आधार कार्ड की महिमा: गूंगा लड़का 6 साल बाद मिला अपनी मां से

 

बेंगलुरू. कर्नाटक और महाराष्ट्र के अधिकारियों ने एक संयुक्त अभियान में आधार कार्ड पर उंगलियों के निशान की मदद से 6 साल बाद बोलने में अक्षम लड़के को उसकी मां से मिलाने में कामयाबी हासिल की.


बी भरत कुमार 2016 में एक बाजार से लापता हो गया था, जब उसकी मां, पार्वथम्मा, सब्जियां बेच रही थी.

 

पार्वथम्मा ने येलहंका थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि पुलिस को अपहरण की घटना का कोई सुराग नहीं लग सका है.

 

भरत के लापता होने के 10 महीने बाद महाराष्ट्र के नागपुर में मिले. नागपुर रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस ने उसे परिसर में इधर-उधर भटकते देखा और उसके बारे में पूछताछ की.

 

यह पुष्टि करने के बाद कि लड़का अकेला था. अधिकारी उसे एक पुनर्वास केंद्र ले गए.

 

केंद्र के अधिकारियों ने उसे जनवरी में आधार कार्ड के लिए नामांकन कराने के लिए कहा, जिसके लिए उसने अपनी उंगलियों के निशान दिए थे.

 

हालांकि अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था क्योंकि भरत के नाम पर बेंगलुरु में पहले से ही एक मौजूदा आधार कार्ड था.

 

इसके बाद अधिकारियों ने मुंबई के एक क्षेत्रीय आधार कार्यालय से संपर्क किया और पुष्टि की है कि भरत के उंगलियों के निशान बेंगलुरु में कार्ड से मेल खाते हैं.

 

लड़के की मां का पता लगाने के लिए केंद्र के अधिकारी ने कर्नाटक पुलिस से संपर्क किया.

 

पार्वथम्मा की पुलिस के जाने के बाद उसे नागपुर भेज दिया गया जहां उसने अपने बेटे के साथ फिर से मुलाकात की.