जी20 : पहली एनर्जी ट्रांजिशन वर्किं ग ग्रुप की बैठक 5 फरवरी से

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 05-02-2023
जी20 : पहली एनर्जी ट्रांजिशन वर्किं ग ग्रुप की बैठक 5 फरवरी से
जी20 : पहली एनर्जी ट्रांजिशन वर्किं ग ग्रुप की बैठक 5 फरवरी से

 

नई दिल्ली.

भारत की अध्यक्षता में जी20 एनर्जी ट्रांजिशन वर्किं ग ग्रुप (ईटीडब्ल्यूजी) की पहली बैठक रविवार से शुरू होगी. भारत की अध्यक्षता में बेंगलुरु में आयोजित होने वाली पहली जी20 ईटीडब्ल्यूजी बैठक में जी20 सदस्य देशों, नौ विशेष आमंत्रित अतिथि देशों - बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और स्पेन सहित 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे.

भारत की जी20 अध्यक्षता सभी के लिए एक स्थायी भविष्य बनाने में मदद करने के लिए सदस्य देशों के बीच ट्रस्टीशिप की भावना साझा करेगी. केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह तीन दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य भाषण देंगे.

केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी विशेष संबोधन देंगे. ईटीडब्ल्यूजी बैठक के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में एनर्जी ट्रांजिशन, ऊर्जा परिवर्तन के लिए कम लागत का वित्तपोषण, ऊर्जा सुरक्षा और विविध आपूर्ति श्रृंखलाएं, ऊर्जा दक्षता, औद्योगिक कम कार्बन ट्रांजिशन और जिम्मेदार खपत, भविष्य के लिए ईंधन (3एफ) और स्वच्छ ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच और न्यायोचित, किफायती व समावेशी ऊर्जा एनर्जी ट्रांजिशन पाथवे शामिल हैं.

एनर्जी ट्रांजिशन वर्किं ग ग्रुप, ऊर्जा परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी अंतराल को पाटने और वित्तपोषण पर जोर देगा. एनर्जी ट्रांजिशन में समुदायों की ऊर्जा जरूरतों से समझौता किए बिना इसे समयबद्ध और किफायती तरीके से वितरित किया जाता है.

विचार-विमर्श के अपेक्षित परिणामों में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के उपयोग और पर्याप्त कम लागत वाले अंतर्राष्ट्रीय वित्त को चैनलाइज करने के लिए अनुसंधान और विकास-20 रोडमैप के तहत अग्रिम सहयोग पहलों के लिए समझौता, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर घोषणा और नए ऊर्जा स्रोतों की विविध आपूर्ति श्रृंखला शामिल हैं.

बैठक में साल 2030 तक ऊर्जा दक्षता में सुधार की वैश्विक दर को दोगुना करने के लिए रोडमैप पेश किए जाएंगे, जैव-ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने और बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना लाई जाएगी और उचित, सस्ती व समावेशी एनर्जी ट्रांजिशन का समर्थन करने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं पर सिफारिशें की जाएंगी.