नई दिल्ली. बांग्लादेश में भारत के पूर्व उच्चायुक्त और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने सोमवार को कहा कि शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन के पीछे विदेशी हाथ होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि ढाका में शांति बहाल होना भारत के हित में है.
श्रृंगला ने कहा, ‘‘यह भारत के हित में है कि ढाका में शांति बहाल हो, भारत बांग्लादेश में सत्ता में जो भी होगा, उसके साथ बातचीत करेगा. दोनों देशों के बीच लोगों के बीच संबंध मजबूत हैं.’’े उन्होंने कहा कि आर्थिक कारकों और अवसरवादियों ने बांग्लादेश में इस राजनीतिक संकट में योगदान दिया है.
श्रृंगला ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने संकट को जन्म दिया है, लेकिन मुख्य रूप से यह आर्थिक संकट है, जो कोविड-19 के बाद से पनप रहा है.
श्रृंगला ने कहा, ‘‘पहली नजर में, यह कोटा का मुद्दा है जिसे छात्रों ने आगे रखा है, लेकिन इसके पीछे आर्थिक कारण भी हैं. कोविड-19 ने बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है. यूक्रेन संघर्ष के कारण ईंधन से लेकर खाद्य पदार्थों और उर्वरकों तक की आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उछाल आया है, जिनका बांग्लादेश आयात करता है. उनके पास भुगतान संतुलन की बहुत कठिन स्थिति है. मुद्रास्फीति 17 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सब अब अनिवार्य रूप से ऐसी स्थिति में आ गया है जहाँ लोग, विशेष रूप से युवा लोग, सड़कों पर अपनी निराशा व्यक्त कर रहे हैं.’’ अवसरवादियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अवसरवादी, चाहे वह विपक्षी बीएनपी हो या जमात-ए-इस्लामी, जो कट्टरपंथी, पाकिस्तान समर्थक इस्लामी समूह है, जो सड़कों पर बहुत सक्रिय है, वे विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो गए हैं और उन्होंने विरोध प्रदर्शनों में हिंसा को शामिल किया है. आप विदेशी शक्तियों की संलिप्तता से इंकार नहीं कर सकते, जो बांग्लादेश के हितों और स्पष्ट रूप से हमारे सुरक्षा हितों के भी विरोधी हैं. आप इस तथ्य से इंकार नहीं कर सकते कि कुछ हित अशांत जल में मछली पकड़ रहे हैं.’’
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