आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
खनन कंपनियों के संगठन एफआईएमआई ने सरकार से निम्न श्रेणी के लौह अयस्क पर कोई निर्यात शुल्क नहीं लगाने का अनुरोध किया है.
संगठन ने कहा है कि इस तरह के किसी भी कदम से संसाधनों की बर्बादी होगी, खनन कार्य बुरी तरह प्रभावित होगा, रोजगार में कमी आएगी और खदान स्थलों पर अनुपयोगी लौह अयस्क के भंडारण के कारण पर्यावरण को नुकसान होगा.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को हाल ही में लिखे पत्र में फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (एफआईएमआई) ने कहा, ‘‘निम्न-श्रेणी के लौह अयस्क के प्रभावी उपयोग और मुद्रीकरण तथा घरेलू इस्पात उद्योग के लिए लौह अयस्क की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हम विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि निम्न-श्रेणी के लौह अयस्क के निर्यात पर कोई निर्यात शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए.
एफआईएमआई ने कहा कि घरेलू इस्पात उद्योग वर्तमान में केवल उच्च श्रेणी के लौह अयस्क का उपभोग करता है और भारत में निम्न श्रेणी के चूर्ण की वस्तुतः कोई मांग नहीं है.