नई दिल्ली
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सांसद फौजिया खान ने राज्यसभा में महाराष्ट्र के किसानों की दयनीय स्थिति को उठाते हुए बताया कि पिछले तीन महीनों में राज्य में 766 किसानों ने आत्महत्या की है। उन्होंने सरकार से सवाल किया— “किसान आखिर कब आपके लिए प्रिय होंगे?”
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए खान ने कहा कि किसान आत्महत्या के मामलों में महाराष्ट्र पूरे देश में सबसे ऊपर है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार 766 आत्महत्याओं में से 676 परिवारों को सरकारी सहायता मिली, जबकि 200 परिवार अभी भी मदद से वंचित हैं।उन्होंने कहा कि इस साल भारी बारिश और बाढ़ के बाद 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा जरूर हुई, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बिल्कुल अलग हैं।
फौजिया खान ने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में कहा कि मंत्रालय को महाराष्ट्र से किसी अतिरिक्त सहायता का प्रस्ताव प्राप्त ही नहीं हुआ।उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ के तहत 4,176 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिनमें से 3,180 करोड़ रुपये केंद्र का हिस्सा था, और 1,13,455 किसानों को कुल 82 करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में भेजे गए। इस पर उन्होंने कहा,“गरीब किसान इन आंकड़ों को देखकर हैरान हैं कि इतना बड़ा पैकेज कहाँ गया?”
खान ने बताया कि राज्य कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे के अनुसार 19 जिलों में 14.36 लाख हेक्टेयर जमीन बाढ़ से प्रभावित हुई, जबकि केंद्र को भेजी गई रिपोर्ट में केवल 1,10,309 हेक्टेयर का ही उल्लेख किया गया।
खान ने सवाल उठाया,“14 लाख हेक्टेयर और एक लाख हेक्टेयर—इन दोनों में ज़मीन-आसमान का फर्क है। यह किसानों के साथ अन्याय और मजाक है।”
उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य मौसमी नुकसान नहीं, बल्कि लाखों किसानों को प्रभावित करने वाली बड़ी कृषि आपदा है। मौजूदा फसल बीमा ढांचा भी किसानों की समस्याओं को ढकने के लिए पर्याप्त नहीं है।अंत में उन्होंने सरकार से तीखा प्रश्न किया,“किसान कब आपके लिए प्रिय होंगे?”