नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में सोमवार को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय समक्ष पेश नहीं हुए. ईडी ने केजरीवाल को छठी बार समन भेजा है, लेकिन वह एक बार भी उपस्थित नहीं हुए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने समन को असंवैधानिक करार दिया है, जबकि फिलहाल ईडी के सामने पेश होने की वैधता की अदालत जांच कर रही है. आप के सूत्रों ने कहा, "दिलचस्प बात यह है कि ईडी ने इस मामले को खुद अदालत में लाने की पहल की है. लगातार समन जारी करने की बजाय ईडी को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए, जिससे उचित कानूनी प्रक्रिया शुरू हो सके."
इससे पहले, ईडी ने 31 जनवरी को केजरीवाल को समन जारी किया था और उन्हें 2 फरवरी को उसके सामने पेश होने के लिए कहा था. यह आप संयोजक को जारी किया गया पांचवां समन था. वित्तीय जांच एजेंसी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि केजरीवाल जानबूझकर समन का पालन नहीं करना चाहते हैं और इसके लिए "उल्टे-सीधे बहाने" बनाते हैं.
एजेंसी ने कहा था, "अगर उनके जैसे उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी ने कानून की अवज्ञा की, तो यह आम लोगों के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित करेगा." ईडी द्वारा 17 फरवरी को समन का पालन न करने के खिलाफ दिल्ली की अदालत में जाने के बाद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा के समक्ष पेश हुए और अदालत को बताया कि चालू बजट सत्र के कारण वह अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से पेश नहीं हो सकते.
केजरीवाल द्वारा व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए आवेदन दायर करने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 16 मार्च के लिए स्थगित कर दी.अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने 7 फरवरी को शिकायत पर संज्ञान लिया था.
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