Ending MNREGA is a collective moral failure, we must unite to protect our rights: Sonia
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार पर मनरेगा को "डेथ बाई थाउजेंड कट्स स्ट्रैटजी" (हजार छोटे छोटे घाव देकर खत्म करने की रणनीति) से खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि महात्मा गांधी के सर्वोदय के दृष्टिकोण को साकार करने वाली योजना का अंत होना "हमारी समूहिक नैतिक विफलता है।"
सोनिया ने अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' के लिए लिखे एक लेख में यह भी कहा कि उन अधिकारों की रक्षा करने के लिए एकजुट होना होगा जो सबकी सुरक्षा करते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को ‘विकसित भारत -जी राम जी' विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही यह अब अधिनियम बन गया है और इस संबंध में एक अधिसूचना भारत के राजपत्र में प्रकाशित की गई है।
बीते बृहस्पतिवार को यह विधेयक संसद से पारित किया गया था।
सोनिया गांधी ने लेख में लिखा, "पिछले कुछ दिन में नरेन्द्र मोदी सरकार ने चर्चा, परामर्श या संसदीय प्रक्रियाओं तथा केंद्र–राज्य संबंधों के प्रति सम्मान के बिना मनरेगा को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाने का प्रयास किया है। योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना तो एक बानगी भर है। मनरेगा की वह पूरी संरचना, जो उसके प्रभाव के लिए अत्यंत आवश्यक थी, पूरी तरह से नष्ट कर दी गई है।"
उन्होंने कहा, "यह याद रखना चाहिए कि यह दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा पहल रही है और साथ ही सबसे अधिक अध्ययन एवं मूल्यांकन वाली योजनाओं में से एक भी। इन सभी अध्ययनों ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों पर इसके परिवर्तनकारी प्रभावों को रेखांकित किया है।"
उन्होंने यह दावा भी किया कि राज्यों की वित्तीय स्थिति, जो पहले से ही गंभीर दबाव और संकट में है, अब और अधिक तबाह हो जाएगी।