नई दिल्ली
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बीते 100 दिनों में मतदाता अनुभव को बेहतर बनाने और चुनाव प्रबंधन को अधिक सुगम बनाने के उद्देश्य से 21 नई पहलें शुरू की हैं। इन पहलों में प्रक्रियात्मक सुधार, प्रशिक्षण कार्यक्रम और विभिन्न हितधारकों के साथ संवाद शामिल हैं।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 26वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यभार संभालने के बाद बीते 100 दिनों में आयोग द्वारा व्यावहारिक और दूरदर्शी कदम उठाए गए हैं। इस दिशा में विज़न का खाका मार्च 2025 में आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन में तैयार किया गया था, जिसमें चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी शामिल थे।
मतदाता पहुंच में सुधार:
ईसीआई ने एक मतदान केंद्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या को 1,500 से घटाकर 1,200 कर दिया है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों जैसे गेटेड कम्युनिटीज़ और ऊंची इमारतों में अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। आयोग का लक्ष्य है कि कोई भी मतदाता 2 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय न करे।
मतदाता पर्चियों में बदलाव:
मतदाता जानकारी पर्चियों को अधिक स्पष्ट और सुगम बनाया गया है, जिसमें क्रमांक और भाग संख्या को अधिक प्रमुखता से दर्शाया गया है। मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर मोबाइल जमा सुविधा भी शुरू की जाएगी।
उम्मीदवारों के बूथ को मिली राहत:
अब उम्मीदवारों के बूथ मतदान केंद्र से 200 मीटर की बजाय 100 मीटर दूर लगाए जा सकेंगे।
एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म – ECINET:
ईसीआई ने ECINET नामक एक नया एकीकृत डैशबोर्ड विकसित किया है, जो सभी सेवाओं को एक ही मंच पर लाएगा। वर्तमान में 40 से अधिक वेबसाइटों और ऐप्स के स्थान पर एक ही मंच से सेवा मिलेगी। इसके कुछ मॉड्यूल आगामी उपचुनावों में शुरू होंगे और बिहार विधानसभा चुनाव तक पूरी तरह लागू कर दिए जाएंगे।
मृतक मतदाताओं की पहचान:
पंजीयक सामान्य, भारत के साथ मृत्यु पंजीकरण डेटा का सीधा एकीकरण शुरू किया गया है ताकि मृतक मतदाताओं को समय पर मतदाता सूची से हटाया जा सके। बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
विशेष सारांश पुनरीक्षण:
उपचुनावों से पहले पहली बार RP अधिनियम 1950 के तहत विशेष सारांश पुनरीक्षण किया गया है।
राजनीतिक दलों के साथ संवाद:
ईसीआई ने देशभर में 4,719 बैठकें आयोजित कीं, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें से 40 बैठकें सीईओ स्तर पर, 800 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) स्तर पर और 3,879 निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) स्तर पर हुईं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी, बीजेपी, बसपा, माकपा और एनपीपी समेत कई दलों के साथ विमर्श हुआ है।
BLO और BLA का प्रशिक्षण:
3,500 से अधिक BLOs और BLO पर्यवेक्षकों को IIIDEM में प्रशिक्षण दिया गया है। आयोग का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में 1 लाख BLO पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जाए, जो आगे 10.5 लाख BLO कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। जुलाई मध्य तक करीब 6,000 और BLOs को 20 बैचों में प्रशिक्षित किया जाएगा। बिहार, तमिलनाडु, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, केरल और असम पर विशेष ध्यान रहेगा।
मानकीकृत फोटो पहचान पत्र:
सभी BLOs को मानकीकृत फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के BLAs को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसकी शुरुआत बिहार, तमिलनाडु और पुडुचेरी से हुई है।
मीडिया और पुलिस अधिकारियों का प्रशिक्षण:
CEO मीडिया सेल के अधिकारियों को मीडिया से बेहतर संवाद के लिए प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही बिहार के पुलिस अधिकारियों को भी चुनाव तैयारियों के तहत प्रशिक्षण दिया गया है।
28 श्रेणियों के हितधारकों के लिए प्रशिक्षण:
प्रशिक्षण ढांचा RP अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता सूची नियम 1960 और चुनाव आचरण नियम 1961 के आधार पर तैयार किया गया है। इन सभी हितधारकों को IIIDEM में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आंतरिक संचालन में सुधार:
ECI मुख्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई है, E-ऑफिस प्रणाली शुरू की गई है और नियमित सीईओ स्तर की समीक्षात्मक बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
कानूनी सुधारों की दिशा में पहल:
IIIDEM, नई दिल्ली में आयोग के वकीलों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और 28 हाईकोर्ट्स के वरिष्ठ अधिवक्ता, ECI अधिकारी और सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 36 सीईओ शामिल हुए। इस पहल का उद्देश्य कानूनी रूपरेखा को समयानुकूल बनाना और आयोग की चुनौतियों से निपटने की क्षमता को सुदृढ़ करना है।