नई दिल्ली
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दहेज से संबंधित अपराधों के तहत दर्ज मामलों में 2023 में 14 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, देश भर में 15,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए और वर्ष भर में 6,100 से अधिक मौतें हुईं।
एनसीआरबी की 'भारत में अपराध 2023' रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में दहेज निषेध अधिनियम के तहत 15,489 मामले दर्ज किए गए - जो 2022 में 13,479 और 2021 में 13,568 से अधिक है।
उत्तर प्रदेश में इस अधिनियम के तहत सबसे अधिक 7,151 मामले दर्ज किए गए, उसके बाद बिहार (3,665) और कर्नाटक (2,322) का स्थान रहा।
पश्चिम बंगाल, गोवा, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और सिक्किम सहित तेरह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वर्ष के दौरान दहेज के शून्य मामले दर्ज किए।
2023 में दहेज हत्या के मामलों में कुल 6,156 लोगों की जान गई।
उत्तर प्रदेश 2,122 मौतों के साथ फिर से शीर्ष पर रहा, उसके बाद बिहार 1,143 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। 2023 में देश भर में 833 हत्या के मामलों में दहेज को कारण बताया गया।
दहेज निषेध अधिनियम के तहत, 2023 में 83,327 मामलों की सुनवाई होनी है, जिनमें से 69,434 मामले पिछले वर्षों के हैं।
इस वर्ष अधिनियम के तहत 27,154 गिरफ्तारियाँ भी हुईं - 22,316 पुरुष और 4,838 महिलाएँ।