हेमा मालिनी की प्रार्थना सभा में धमेंद्र को नम आँखों से याद किया गया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-12-2025
Dharmendra was remembered with moist eyes at a prayer meeting organised by Hema Malini.
Dharmendra was remembered with moist eyes at a prayer meeting organised by Hema Malini.

 

नई दिल्ली।

दिल्ली में गुरुवार को आयोजित प्रार्थना सभा में दिवंगत अभिनेता धर्मेंद्र को याद करते हुए उनके मित्रों, राजनीतिक नेताओं और शुभचिंतकों ने उन्हें एक “निर्मल हृदय वाले इंसान” के रूप में भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।यह प्रार्थना सभा उनकी पत्नी और उत्तर प्रदेश के मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने आयोजित की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री और बड़ी संख्या में सांसद शामिल हुए।

भावुक हेमा मालिनी ने कहा,“पूरी दुनिया धर्मेंद्र जी को खोने का शोक मना रही है, लेकिन मेरे लिए यह गहरा व्यक्तिगत आघात है। समय की हर कसौटी पर खरा उतरा यह साथ टूट गया है।”
उनके साथ बेटियाँ ईशा और अहाना भी मौजूद थीं।

अमित शाह ने धर्मेंद्र को याद करते हुए कहा कि अभिनेता ने भाषा और क्षेत्र की सीमाओं को पार करते हुए पूरे देश के लोगों के दिलों में जगह बनाई।उन्होंने कहा कि 60 साल का करियर बिना किसी दाग के पूरा करना यह साबित करता है कि धर्मेंद्र कितने निर्मल हृदय के व्यक्ति थे।

शाह ने मंच से बताया कि वे कभी धर्मेंद्र से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिले थे, लेकिन 2014 के चुनाव में जब हेमा मालिनी मथुरा से उम्मीदवार थीं, तब धर्मेंद्र ने उन्हें फोन किया था।
उन्होंने कहा,“उनकी तबीयत ऐसी नहीं थी कि वे धूलभरी सड़कों पर चलकर प्रचार कर सकें, लेकिन फोन पर उनकी चिंता औपचारिक नहीं थी। स्पष्ट महसूस होता था कि वे चाहते थे कि हेमा जी यह चुनाव जीतें।”

धर्मेंद्र को 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और 2012 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 2004 में उन्होंने बीकानेर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीता था।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा,“धर्मेंद्र जी भाजपा का गौरव हैं। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”

अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि धर्मेंद्र गाँव से उठकर सफलता की बुलंदियों तक पहुँचे, लेकिन अपनी जड़ों से कभी नहीं दूर हुए।
उन्होंने कहा,“जब भी मैं उन्हें याद करती हूँ, गाँव की मिट्टी की खुशबू महसूस होती है। प्रसिद्धि मिलने के बावजूद वे बेहद सरल और जमीन से जुड़े रहे।”