आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए ने एयर इंडिया से कहा है कि उन सभी विमानों में आरएटी (रैम एयर टर्बाइन) की दोबारा जांच की जाए, जिनके पावर कंडीशनिंग मॉड्यूल (पीसीएम) को टाटा समूह के स्वामित्व वाली इस एयरलाइन ने हाल में बदला है।
विमानन सुरक्षा नियामक ने साथ ही अमेरिकी विमान विनिर्माता बोइंग से बिना कमांड वाले आरएटी की तैनाती के संबंध में लागू किए जाने वाले निवारक उपायों पर एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है।
गौरतलब है कि हाल में एयर इंडिया 787 विमानों से जुड़ी दो घटनाओं में आरएटी प्रणाली सक्रिय हो गई थी। आमतौर पर विमान के दोनों इंजन, इलेक्ट्रॉनिक तंत्र और हाईड्रोलिक प्रणाली खराब होने पर आरएटी सक्रिय होता है।
पायलटों के समूह फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने नागर विमानन मंत्री को एक पत्र लिखकर सरकार से एयर इंडिया के पूरे बी787 विमान बेड़े को उड़ान भरने से रोकने और एयरलाइन का विशेष ऑडिट करने का आग्रह किया है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘एयर इंडिया को उन सभी विमानों के आरएटी की फिर से जांच करने की सलाह दी गई है, जिनके पीसीएम मॉड्यूल को हाल ही में बदला गया था।’’ उन्होंने बताया कि आगे की जांच जारी है।
पीसीएम एक महत्वपूर्ण विद्युत घटक है, जो विमान की बिजली उत्पादन प्रणाली से विभिन्न ऑनबोर्ड प्रणालियों और उपकरणों में विद्युत शक्ति को भेजता और नियंत्रित करता है।
अधिकारी ने आगे कहा, ‘‘बोइंग को पीसीएम मॉड्यूल में बदलाव के बाद दुनिया भर के विमान संचालकों से प्राप्त सेवा संबंधी किसी भी कठिनाई की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है।’’