अयोध्या
राम जन्मभूमि मंदिर में आयोजित होने वाले विशेष ध्वजारोहण समारोह से पहले अयोध्या पहुंचे भक्तों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हिंदू समाज के लिए गर्व का क्षण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राम मंदिर के 191 फुट ऊंचे शिखर पर पवित्र ध्वज फहराएंगे। इस अवसर को लेकर पूरे शहर में उत्साह का माहौल है।
“हिंदू समाज का पुनःस्थापन” — विहिप नेता
गोरखपुर के विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त सचिव सगुन श्रीवास्तव ने इस अवसर को पूरे हिंदू समाज के “पुनःस्थापन” का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा,
“500 वर्षों के संघर्ष और असंख्य बलिदानों के बाद आज का दिन ऐतिहासिक है। 22 जनवरी 2024 की प्राण प्रतिष्ठा ने भारत की प्रतिष्ठा विश्वभर में बढ़ाई, और आज ध्वजारोहण के साथ यह गौरव और पूर्ण हो रहा है।”
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह “युग में एक बार आने वाला दिन” है।
भक्तों में उत्सव जैसा माहौल
गोरखपुर के भक्त दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा,“सदियों के संघर्ष के बाद बने रामलला के मंदिर में ध्वजारोहण होना पूरे हिंदू समुदाय के लिए अपार गर्व की बात है। यह क्षण इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।”उन्होंने कहा कि PM मोदी, मोहन भागवत और CM योगी की उपस्थिति से यह अवसर और भी विशेष बन गया है।
अयोध्या में उमड़ी भीड़
स्थानीय विधायक अभय सिंह ने बताया कि शहर की सड़कों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है और माहौल उत्सव जैसा है।उन्होंने कहा, “सभी लोग अपने मसीहा का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। हम प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने इतना भव्य मंदिर बनवाया।”
विपक्ष ने जताई आपत्ति
हालाँकि, प्रधानमंत्री और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों की भागीदारी पर विपक्ष ने ऐतराज जताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया कि सरकार “धर्म के नाम पर प्रचार” कर रही है। राय ने कहा कि राम सबके आराध्य हैं, लेकिन “बार-बार इसे प्रचार का माध्यम बनाना उचित नहीं है।”
प्रधानमंत्री का दिव्य कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10 बजे सप्तमंदिर परिसर के दर्शन करेंगे, इसके बाद शेषावतार मंदिर और फिर माता अन्नपूर्णा मंदिर जाएंगे।इसके पश्चात वे राम दरबार गर्भगृह और रामलला गर्भगृह में पूजा-अर्चना करेंगे।
दोपहर 12 बजे PM मोदी मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज फहराएंगे, जो मंदिर निर्माण की पूर्णता और सांस्कृतिक एकता के नए युग का प्रतीक माना जा रहा है। वे इस ऐतिहासिक अवसर पर जनता को संबोधित भी करेंगे।
यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी, भगवान राम और माता सीता के विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।