दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर ‘बहुत खराब’ रही

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-11-2025
Delhi's air quality remained 'very poor'.
Delhi's air quality remained 'very poor'.

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
दो दिनों तक मामूली सुधार के बाद बृहस्पतिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर खराब हो गई और यह 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई तथा निकट भविष्य में उससे राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
 
वायु गुणवत्ता बिगड़ जाने का एक प्रमुख पराली जलाना बताया जा रहा है।
 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी किये गये आंकड़े के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में अपराह्न चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 311 दर्ज किया गया।
 
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर है, जबकि रोहतक एक्यूआई 348 के साथ शीर्ष पर है । बोर्ड ने एक्यूआई के लिहाज से 254 शहरों की रैकिंग की है।
 
बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ और समग्र एक्यूआई 202 रहा, क्योंकि अनुकूल वायु परिस्थितियों ने प्रदूषकों को छितराने में मदद की।
 
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 291 और सोमवार को 309 था।
 
इस बीच, बृहस्पतिवार को पीएम 2.5 प्रमुख प्रदूषक बना रहा।
 
सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, राजधानी के 38 निगरानी स्टेशनों में से 32 ने वायु गुणवत्ता को 'बहुत खराब' श्रेणी में बताया, क्योंकि उनकी रीडिंग 300 से ऊपर थी।
 
इस बीच, वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के लिए निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) ने अनुमान लगाया कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के पीएम 2.5 के स्तर में पराली जलाने की हिस्सेदारी 21.5 प्रतिशत थी, जो शुक्रवार को बढ़कर 36.9 प्रतिशत और शनिवार को 32.4 प्रतिशत हो सकती है, जबकि बुधवार को यह केवल 1.2 प्रतिशत थी।
 
उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि बुधवार को पंजाब में पराली जलाने की 94, हरियाणा में 13 और उत्तर प्रदेश में 74 घटनाएं दर्ज की गईं।
 
पराली जलाने के बाद, परिवहन को वायु प्रदूषण के लिए दूसरा सबसे बड़ा कारक माना गया है, जिसका योगदान बृहस्पतिवार को 16.2 प्रतिशत, शुक्रवार को 11.2 प्रतिशत तथा शनिवार को 12.3 प्रतिशत रहा।
 
पूर्वानुमान के अनुसार छह से से आठ नवंबर के बीच वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी रहने की आशंका है।
 
दिवाली के बाद से, राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता 'खराब' और 'बेहद खराब' श्रेणियों के बीच उतार-चढ़ाव करती रही है, और कभी-कभी 'गंभीर' श्रेणी में भी पहुंच गई है।