आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को कहा कि पिछले चार दिन में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के उपायों को कड़ाई से लागू करने के बाद 2.12 लाख से अधिक नए पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।
मंत्री ने प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और घर से काम करने के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले निजी कार्यालयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर की देर रात तक 2,12,332 नए प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र जारी किए गए। इसी अवधि के दौरान, लगभग 10,000 वाहन अनिवार्य उत्सर्जन परीक्षण में विफल रहे।
सिरसा ने क्रियान्वयन संबंधी अभियान को तेज करने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों और उद्योगों को अब बिना किसी पूर्व सूचना के सील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "उन उद्योगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने अनिवार्य ऑनलाइन मंजूरी प्रबंधन (ओसीएम) के लिए आवेदन नहीं किया है।"
मंत्री ने निजी कंपनियों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों और घर से काम करने के नियमों का पालन करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यालयों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जबकि प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, उपायुक्त और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अधिकारी अवैध उद्योगों को तत्काल बंद करने के लिए अभियान चला रहे हैं। मंत्री ने कहा कि अन्य उपायों में सड़क की सफाई और जैव अपघटन के माध्यम से कचरे की सफाई शामिल है।
सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न स्थानीय निकायों और एजेंसियों के समन्वय से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि दिल्ली धूल मुक्त हो जाए।
मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और राजस्व विभाग के सहयोग से जलाशयों को पुनर्जीवित करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य पिछले कुछ वर्षों में लुप्त हो चुके कम से कम 50 प्रतिशत जलाशयों का फिर से कायाकल्प करना है।