ज्ञानवापी मस्जिद की छत पर टहलने के खिलाफ अदालत में हुई सुनवाई

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-08-2024
  Vyasji's basement
Vyasji's basement

 

वाराणसी. वाराणसी की एक अदालत ने शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में व्यासजी के तहखाने की छत पर मुसलमानों को चलने से रोकने के लिए हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई की और मामले को 17 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

इस विवाद में मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधि सुनवाई के दौरान मौजूद थे. उम्मीद है कि मुस्लिम पक्ष अगली तारीख पर मामले में अपनी दलीलें पेश करेगा.

याचिकाकर्ताओं के वकील मदन मोहन यादव के अनुसार, जिला अदालत के आदेश के बाद 31 जनवरी को व्यासजी के तहखाने में पूजा शुरू हो गई और अब भक्त वहां स्थापित मूर्तियों के दर्शन कर सकते हैं.

यादव ने कहा, ‘‘व्यासजी के तहखाने की छत काफी पुरानी और कमजोर है. मुसलमान प्रार्थना करने के लिए छत पर चलते हैं, जो पूजा स्थल के लिए उपयुक्त नहीं है. तहखाने की छत और खंभे बहुत नाजुक हैं, और इनके गिरने का खतरा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हिंदू पक्ष ने अनुरोध किया है कि मुसलमानों को छत पर चलने से रोका जाए और छत और खंभों की आवश्यक मरम्मत की जाए.’’ यादव ने कहा कि हिंदू पक्ष की चिंताओं को सुनने के बाद जिला न्यायाधीश संजीव पांडे ने अगली सुनवाई 17 अगस्त के लिए निर्धारित की है.

31 जनवरी को, वाराणसी के जिला न्यायाधीश ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया कि वह ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर सील किए गए तहखानों (व्यासजी का तहखाना) में से एक के अंदर हिंदुओं के लिए पूजा अनुष्ठान करने की व्यवस्था करे.

यह आदेश अदालत द्वारा वादियों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट की एक प्रति प्रदान किए जाने के छह दिन बाद आया, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद के निर्माण से पहले इस स्थल पर एक हिंदू मंदिर मौजूद था.

अदालत ने विशेष रूप से निर्देश दिया कि एक पुजारी को मस्जिद परिसर के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी जाए.