कोरोना विस्फोट से दिल्ली सरकार के हाथ-पैर फूले, अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री, एलजी की बैठक
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के अचानक रौद्ररूप धारण कर लेने से केजरीवाल सरकार हिल गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि लाॅक डाउन समस्या का समाधान नहीं. ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामले पर रोक कैसे लगाई जाए ? इस मसले पर आज दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की आलाधिकारियों के अलग-अलग बैठकें हो रही हैं.
दिल्ली में अचानक मुंबई से भी अधिक कोरोना का मामला बढ़ गया है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में चैबीस घंटे में जहां 9,925 कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए, वहीं राजधानी दिल्ली में मुंबई सेे करीबन दोगुना 17,282मामले. ऐसे में दिल्ली सरकार में खलबली मची हुई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लाॅक डाउन लगाने के पक्ष में नहीं हैं. उनका तर्क है कि इससे कोरोना को रोकने से कहीं अधिक नुक्सान अर्थव्यवस्था को होता है. हालाकि दिल्ली में रात का कर्फ्यू है. बावजूद इसके कोरोना के नए मामले बढ़ते ही जा रही हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 14 अस्पतालों को बतौर कोविड होस्पीटल सुरक्षित रखा गया है.
इसके अलावा और क्या सावधानियां बरती जाएं तथा क्या उपाए किए जाएं ? इन सवालों को लेकर आज 11 बजे पहले मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की अधिकारियों के साथ बैठक होगी. उसके एक घंटे बाद एक अन्य बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव सहित दूसरे तामाम आला अधिकारियों संग बैठक करेंगे.