न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए यूट्यूबर के विरुद्ध अवमानना ​​कार्यवाही शुरू

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 30-05-2025
Contempt proceedings initiated against YouTuber for derogatory remarks against judges
Contempt proceedings initiated against YouTuber for derogatory remarks against judges

 

नयी दिल्ली
 
उच्चतम न्यायालय ने चंडीगढ़ के पत्रकार एवं यूट्यूबर अजय शुक्ला के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को अवमानना कार्यवाही शुरू की.
 
शुक्ला ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो में शीर्ष अदालत के कुछ न्यायाधीशों के खिलाफ ‘‘कुत्सित’’, अपमानजनक और निंदनीय टिप्पणी की थीं.
 
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर की पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि आपत्तिजनक वीडियो को तुरंत हटा दिया जाए और चैनल को इस वीडियो या इसी तरह की विषय-वस्तु को पुन:प्रकाशित करने से रोक दिया जाए.
 
इसने वरप्रद मीडिया के प्रधान संपादक शुक्ला को नोटिस भी जारी किया.
 
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने टिप्पणियों को ‘बहुत गंभीर’ बताया और इस मुद्दे का स्वत: संज्ञान लेने के लिए पीठ के प्रति आभार व्यक्त किया.
 
सीजेआई ने कहा, ‘‘शुक्ला ने उक्त वीडियो क्लिप में इस न्यायालय के कुछ वरिष्ठ न्यायाधीशों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की हैं. यूट्यूब पर व्यापक रूप से प्रकाशित इस तरह के अपमानजनक आरोपों से न्यायपालिका की इस प्रतिष्ठित संस्था की बदनामी होने की आशंका है.’’
 
पीठ ने कहा कि हालांकि संविधान बोलने की आजादी एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन ‘‘ऐसा अधिकार उचित प्रतिबंधों के जरिये प्रतिबंधित भी है और इस न्यायालय के न्यायाधीशों के बारे में अपमानजनक आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. ऐसी टिप्पणियां अवमानना की प्रकृति की हैं और न्यायपालिका को अपमानित करती हैं.’’
 
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम स्वत: संज्ञान लेते हुए (न्यायालय की) रजिस्ट्री को अजय शुक्ला के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करने का निर्देश देते हैं. यूट्यूब चैनल को प्रतिवादी बनाया जाएगा. अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से न्यायालय की सहायता करने का अनुरोध किया जाता है.’’
 
पीठ ने कहा कि वह एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए यूट्यूब चैनल को वीडियो का प्रकाशन रोकने और इसे तुरंत हटाने का निर्देश देती है.
 
शुक्ला ने हाल ही में न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी के खिलाफ टिप्पणी करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था.