भुवनेश्वर
कांग्रेस ने ओडिशा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन, गुरुवार को राज्य में 15 महीने पुरानी भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस प्रस्तुत किया।कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा सचिव सत्यव्रत राउत से मुलाकात की और राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए नोटिस सौंपा।
कांग्रेस ने विधानसभा नियम 117(1) का हवाला देते हुए नोटिस में कहा कि यह सदन वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली मंत्रिमंडल में अविश्वास व्यक्त करता है।कदम ने संवाददाताओं से कहा, "हमने विधानसभा सचिव को अध्यक्ष के नाम नोटिस सौंपा है और उनसे इसे स्वीकार करने का आग्रह किया है। इस नोटिस पर 14 कांग्रेस और एक माकपा विधायक के हस्ताक्षर हैं।"
उन्होंने बताया कि पहले कांग्रेस ने मुख्य विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) से भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया था, लेकिन बीजद ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया, इसलिए कांग्रेस ने खुद नोटिस दिया है और क्षेत्रीय पार्टी से समर्थन की भी मांग की है।
रामचंद्र कदम ने यह भी कहा कि अगर बीजद अलग से अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो कांग्रेस उसे समर्थन देने में कोई हिचकिचाहट नहीं करेगी।बाद में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल बीजद के नेता विपक्ष नवीन पटनायक के कक्ष में पहुंचा, लेकिन बीजद अध्यक्ष के अनुपस्थित रहने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी। हालांकि, प्रतिनिधिमंडल ने वहां मौजूद दो बीजद विधायकों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की।
वहीं, बीजद की वरिष्ठ नेता प्रमिला मलिक ने कहा, "कांग्रेस ने अभी तक हमसे संपर्क नहीं किया है। जो करना है, वे करें, बीजद अपना निर्णय स्वयं लेगा।"इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री जयनारायण मिश्रा ने कांग्रेस के इस कदम का मजाक उड़ाते हुए कहा, "कांग्रेस खुद को ही हास्य का पात्र बना रही है। उसके पास भाजपा के मुकाबले भी संख्या बल नहीं है, इसलिए यह प्रयास व्यर्थ है। कांग्रेस और बीजद दोनों के बीच विपक्ष की भूमिका को लेकर प्रतिस्पर्धा है।"
ओडिशा विधानसभा में कुल 147 सदस्य हैं, जिनमें भाजपा के 78, बीजद के 50, कांग्रेस के 14, माकपा का एक सदस्य और तीन निर्दलीय विधायक शामिल हैं। नुआपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से बीजद विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के कारण एक सीट खाली है।