मुंबई
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हालिया हिजाब विवाद को लेकर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने हिजाब और बुर्का को महिलाओं की इज्जत, गरिमा और सम्मान का प्रतीक बताते हुए इसे “महिलाओं के सिर का ताज” करार दिया और मुख्यमंत्री से बिना शर्त माफी की मांग की।
एएनआई से बातचीत में वारिस पठान ने कहा कि यह घटना न सिर्फ महिलाओं की मर्यादा का अपमान है, बल्कि संविधान प्रदत्त अधिकारों का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “संविधान का अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता देता है और अनुच्छेद 19 व्यक्ति को अपनी पसंद की आज़ादी देता है। जो महिला हिजाब या बुर्का पहनना चाहती है, उसे पूरा अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट भी इस पर अपनी टिप्पणी कर चुका है।”
पठान ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का व्यवहार महिलाओं की गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “कोई पिता भी किसी महिला के साथ ऐसा करने का अधिकार नहीं रखता। हिजाब और बुर्का हमारी महिलाओं की इज्जत और सम्मान का प्रतीक हैं। इस तरह उनका अपमान करना बेहद शर्मनाक है। नीतीश कुमार को देश की सभी महिलाओं से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।”
यह बयान उस वीडियो के सामने आने के बाद आया है, जिसमें पटना में एक सरकारी समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक महिला का हिजाब हटाते हुए देखा गया। यह घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री कार्यालय में नव नियुक्त आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे। वीडियो में दिखता है कि महिला के कुछ कहने से पहले ही मुख्यमंत्री ने उसका हिजाब नीचे कर दिया, जिससे उसका चेहरा आंशिक रूप से उजागर हो गया।
इस मामले को लेकर विपक्षी दलों की ओर से लगातार विरोध हो रहा है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के लखनऊ के कैसरबाग थाने में नीतीश कुमार और यूपी के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई है। यह शिकायत समाजवादी पार्टी की नेता सुमैया राणा ने अपने वकीलों के साथ थाने में दी, जिसमें एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
यह विवाद लगातार राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस का विषय बना हुआ है।






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