चेन्नई
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बृहस्पतिवार को अल्पसंख्यकों पर हमलों को अस्वीकार्य करार देते हुए कहा कि समाज को बांटने वाले दंगाई और हिंसक समूहों पर अंकुश लगाना हर नागरिक का साझा और अत्यावश्यक कर्तव्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बहुसंख्यक समुदाय की सच्ची ताकत और चरित्र अल्पसंख्यकों को भयमुक्त जीवन जीने की स्वतंत्रता देने में निहित है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कहा कि कुछ दक्षिणपंथी हिंसक समूह बहुसंख्यक होने के नाम पर हमले और दंगे कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे हमले, खासकर तब जब प्रधानमंत्री क्रिसमस जैसे पर्व में भाग ले रहे हों, राष्ट्र को एक गंभीर और चिंताजनक संदेश देते हैं।
स्टालिन ने मणिपुर, जबलपुर, रायपुर और अन्य हिस्सों में अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों का हवाला देते हुए कहा कि ये घटनाएँ किसी भी संवेदनशील और सद्भाव को महत्व देने वाले व्यक्ति के लिए अस्वीकार्य हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे दंगाई समूहों के खिलाफ कठोर कदम उठाना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों में कथित तौर पर 74 प्रतिशत की वृद्धि होने का दावा किया। उन्होंने इसे “गंभीर खतरे” का संकेत बताया और कहा कि इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
स्टालिन ने कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें समाज में समान अधिकार और सम्मान दिलाना लोकतंत्र की मूल भावना है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि हिंसा और दंगों से न केवल समुदायों के बीच दूरी बढ़ती है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास भी प्रभावित होता है।
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे सद्भाव और भाईचारे को बनाए रखें और किसी भी प्रकार के विभाजनकारी प्रयास का विरोध करें। उनका कहना था कि केवल सरकार ही नहीं, समाज के हर वर्ग को मिलकर हिंसक और दंगाई समूहों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी ताकि सभी नागरिक भयमुक्त जीवन जी सकें।