मुस्लिम बुद्धिजीवियों की अपीलः ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हिंदू भाइयों को सौंपें

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-05-2022
मुस्लिम बुद्धिजीवियों की अपीलः ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हिंदू भाइयों को सौंपें
मुस्लिम बुद्धिजीवियों की अपीलः ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हिंदू भाइयों को सौंपें

 

नई दिल्ली. देष के मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने मुस्लिम समाज के लोगों से की अपील की है कि मुस्लिम भाई ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हिंदू भाइयों को सौंप दें. ज्ञानवापी में शिवलिंग की खोज के बाद यह साबित हो रहा है कि मुगलों ने मंदिर को तोड़ दिया और एक मस्जिद का निर्माण किया. ऐसे में देश के मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने उदारता से ज्ञानवापी को हिंदू भाइयों को सौंपने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मथुरा और काशी के मुद्दों को अदालत के बाहर सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है.

इस दिशा में सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ने के लिए उनके द्वारा वरिष्ठ मुसलमानों का एक पैनल बनाया गया है, जो इतिहास की इस कड़वी सच्चाई से समाज को आलोकित कर सद्भावना के रास्ते खोजेगा. पैनल में भारत की हज समिति के पूर्व अध्यक्ष तनवीर अहमद, नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो एसएन पठान और मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद के पूर्व चांसलर फिरोज बख्त अहमद शामिल हैं.

फिरोज बख्त अहमद ने कहा कि इस पैनल का मकसद मुसलमानों को यह बताना है कि अगर मामला कोर्ट में है, तो उन्हें किसी भी तरह का द्वेषपूर्ण बयान देने से बचना चाहिए. उन्होंने मुसलमानों से उन राजनेताओं और राजनीतिक दलों से दूर रहने की अपील की जो समाज में जहर उगल रहे हैं और इसे आग लगा रहे हैं, क्योंकि वे इसे वोट बैंक के रूप में टिशू पेपर की तरह सत्ता का का इस्तेमाल करते हैं. इनकी वजह से मुस्लिम समुदाय बहुत ही अनपढ़, असुरक्षित और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है.