आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बृहस्पतिवार को तिरुमला में कृत्रिम मेधा (एआई) संचालित तीर्थयात्री एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन किया.
तीर्थयात्रा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भारत के पहला एआई-एकीकृत कमान बताया जा रहा एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) सटीक समय पर भीड़ का पूर्वानुमान लगाकर बता देता है, कतारों को तेजी से बढ़ाने में सक्षम है और तिरुमाला में सुरक्षा एवं साइबर खतरे की निगरानी को बढ़ाता है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमला में एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन किया।" वैकुंठम क्यू कॉम्प्लेक्स-प्रथम में स्थापित यह सुविधा उन्नत कैमरों, 3डी स्थितिजन्य मानचित्रों और एक समर्पित तकनीकी टीम द्वारा निगरानी किए जाने वाले लाइव डैशबोर्ड को एकीकृत करती है, जो तीर्थयात्रियों के अनुभव और मंदिर प्रशासन के लिए एक नया मानक स्थापित करेगी.
यह भीड़ का पूर्वानुमान और कतार विश्लेषण, सुरक्षा, साइबर खतरे की खुफिया जानकारी, उत्कृष्टता का संचालन केंद्र और कई अन्य भविष्योन्मुखी सुविधाएं प्रदान करता है।
आईसीसीसी उन्नत एआई, चेहरे का विश्लेष और 3डी विजुअलाइजेशन का लाभ उठाता है, जिसमें उच्च-प्रदर्शन कंप्यूट समर्थन के साथ वास्तविक समय की जानकारी और कार्रवाई के लिए मल्टी-स्ट्रीम वीडियो और इवेंट डेटा को संसाधित किया जाता है.
टीडीपी की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 6,000 से अधिक एआई कैमरे तिरुमला की निगरानी और सुरक्षा करते हैं, तथा यह प्रणाली हर मिनट 3.6 लाख पेलोड और प्रतिदिन 51.8 करोड़ घटनाओं का प्रसंस्करण करती है.
तीर्थयात्रियों के लिए लाभ में छोटी और अधिक पूर्वानुमानित कतारें, त्वरित सहायता और हर कदम पर स्पष्ट जानकारी शामिल है, जबकि मंदिर के कर्मचारियों को एकीकृत स्थितिजन्य जागरूकता, सुरक्षा उपकरण और एआई अंतर्दृष्टि का लाभ मिलेगा जिससे वे मुद्दों को तेजी से हल कर सकेंगे.