आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
मिजोरम सरकार ने तीन जिलों में चूहों के प्रकोप की सूचना मिलने के बाद अकाल जैसी स्थिति को रोकने के लिए अलर्ट जारी किया है। कृषि विभाग की एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
उप निदेशक (पौधा संरक्षण) लालरिंडिकी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि चूहों के प्रकोप को 'थिंगटम' या खास प्रजाति के बांस में फूल आने का लक्षण माना जा रहा है, जो 46 वर्षों के बाद 2025 में खिलेगा.
उन्होंने बताया कि ममित ज़िले के कई गांवों और लुंगलेई ज़िले के दो गांवों में चूहों के प्रकोप की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि सैतुअल जिले के लीलाक गांव में भी चूहों के आक्रमण की सूचना मिली है. उन्होंने बताया कि विस्तृत रिपोर्ट का इंतज़ार है.
लालरिंडिकी ने बताया कि 800 झूम किसान, जो मुख्य रूप से चावल और सोयाबीन उगाते हैं, चूहों के प्रकोप से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि झूम खेती के अंतर्गत आने वाली 2,500 हेक्टेयर भूमि में से अब तक लगभग 158 हेक्टेयर भूमि पर चूहों का आक्रमण हो चुका है.
त्रिपुरा और बांग्लादेश की सीमा से लगा मामित ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जहां 45 गांवों के 769 किसान इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं.