After US attacks on Iran, many countries appealed: 'Maintain patience, diplomacy is the only solution'
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ईरान पर अमेरिका के हालिया हवाई हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता की लहर दौड़ गई है. इजराइल-ईरान युद्ध के क्षेत्रीय स्तर पर फैलने की आशंका को देखते हुए कई देशों और वैश्विक संगठनों ने संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान तलाशने की अपील की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते गुरुवार को संकेत दिया था कि वे इजराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिका की भूमिका पर दो हफ्तों के भीतर निर्णय लेंगे। लेकिन मात्र दो दिनों में ही उन्होंने निर्णायक कदम उठाते हुए रविवार तड़के ईरान पर हमले शुरू कर दिए। अमेरिका ने सीधे तौर पर इजराइल के सैन्य अभियान का हिस्सा बनते हुए यह कार्रवाई की है.
हालांकि अमेरिकी हमलों से ईरान को हुए नुकसान का आकलन अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है. ईरान पहले ही चेतावनी दे चुका था कि यदि अमेरिका ने हस्तक्षेप किया, तो उसका जवाब "आग और लपटों" से दिया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अमेरिका की इस सैन्य कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे ईरान के परमाणु केंद्रों पर हुए हमलों से बेहद चिंतित हैं.
न्यूजीलैंड: कूटनीति को दें प्राथमिकता
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा कि यह संकट अब तक के सबसे गंभीर संकटों में से एक है और इसे आगे बढ़ने से रोका जाना चाहिए। उन्होंने सभी पक्षों से वार्ता की मेज़ पर लौटने की अपील की. जब उनसे पूछा गया कि क्या न्यूजीलैंड अमेरिकी हमलों का समर्थन करता है, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन यह अवश्य कहा "कूटनीति सैन्य कार्रवाई की तुलना में कहीं अधिक स्थायी समाधान प्रदान करती है.
चीन ने अमेरिका की नीति पर उठाए सवाल
चीन के सरकारी मीडिया ने अमेरिका की इस कार्रवाई की तीखी आलोचना करते हुए इराक युद्ध की याद दिलाई. सरकारी प्रसारण चैनल की एक रिपोर्ट में पूछा गया "क्या अमेरिका एक बार फिर वही गलती दोहरा रहा है, जो उसने इराक में की थी?" चीन ने अप्रत्यक्ष रूप से यह संकेत दिया कि अमेरिका की एकतरफा सैन्य कार्रवाई क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ा सकती है और आंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है.
वैश्विक स्थिरता पर मंडराता खतरा
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात को लेकर आशंकित है कि यह टकराव पूरे मध्य पूर्व को युद्ध के दलदल में धकेल सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की आशंका बनी हुई है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को खतरा हो सकता है. पिछले साल भी ईरान और इजराइल के बीच कई बार तनाव की स्थिति बनी थी, लेकिन अमेरिका की प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी ने इस बार हालात को और जटिल और खतरनाक बना दिया है.
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ता यह तनाव विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है. जहां एक ओर अमेरिका ने सख्त रुख अपनाया है, वहीं संयुक्त राष्ट्र, चीन, न्यूजीलैंड जैसे देशों ने संयम और संवाद की अपील की है. अब दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में यह टकराव कूटनीति की राह पर लौटेगा या और उग्र रूप लेगा.