कोविड में एक मसीहा दे रहा हौसलों का उड़ान

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 11-05-2021
पप्पू यादव प्रवासी मजदूरों को भोजन-पानी देते हुए
पप्पू यादव प्रवासी मजदूरों को भोजन-पानी देते हुए

 

सेराज अनवर / पटना

वह बदनाम गलियों का बादशाह रहा है, लेकिन आज लोग उसे मसीहा बता रहे हैं. बेड चाहिए, ऑक्सीजन चाहिए, रेमडेसिविर चाहिए. अकेले वह शख्स है, जिसका मदद के लिए हाथ बढ़ रहा है. कोरोना के इस महामारी में जब रिश्ते टूट रहे हैं, अपने साथ छोड़ रहे हैं, तब वह आदमी अस्पताल से शमशान तक हर जगह मौजूद है. हिंदू हो या मुसलमान, सभी उसे उम्मीद की निगाह से देख रहे हैं. वह कोविड के घातक हमले में अपनी जान की परवाह नहीं कर रहा, जहां तक हो रहा दुःख-दर्द बांटने, आंसू पोंछने में जुटा है वह इंसान. उस शख्स का नाम है पप्पू यादव.  पूर्व सांसद रहे हैं.

पप्पू यादव जन अधिकार पार्टी के संरक्षक हैं. इस भयानक संक्रमण के बीच हर रोज वह कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए अस्पतालों के चक्कर काटते हैं और जरूरत के मुताबिक पीड़ितों को अस्पतालों में बेड के अलावा जिन्हें ऑक्सीजन की दरकार है, उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर भी मुहैया कराते हैं. 

नफीस की जुबानी

दरभंगा के नफीस खान बताते हैं कि उनकी मौसी की तबीयत काफी खराब थी. वे एक सप्ताह से पटना के पारस हॉस्पिटल में एडमिट हैं. अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने से वे काफी परेशान थे. इस संबंध में उन्होंने डीएम समेत कई लोगों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की.

सभी जगहों से असफलता के बाद नफीस खान ने पप्पू यादव को फोन पर अपनी समस्या से अवगत किया, जिसके बाद पप्पू यादव ने उनकी समस्या सुनी और दिल्ली से इंजेक्शन मंगवा कर उन्हें बुलाया और इंजेक्शन सौंपा.

नफीस बताते हैं कि यदि इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं होती, तो मरीज की स्थिति और बिगड़ जाती. उन्होंने पप्पू यादव का आंसू भरी आंखों से शुक्रिया अदा किया.

लंगर और प्रवासी मजदूरों की मदद

कोविड मरीजों और उनके परिवार के लिए पप्पू यादव ने लंगर खोल दिया है.पीएमसीएच, एमसीएच, एम्स, आईजीआईएमएस में इलाज करा रहे कोविड मरीजों और उनके परिजनों को भोजन कराया जा रहा है.

पप्पू यादव की इस पहल के बाद ही राज्य सरकार ने सामुदायिक भवन में गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था की है. पप्पू यादव जन अधिकार सेवा दल द्वारा लंगर का खुद जायजा भी ले रहे हैं.

https://hindi.awazthevoice.in/upload/news/162067235597_pappu_yadav_kovid_help_1.jpg
 
पप्पू यादव कोरोना पीड़ितों के तीमारदारों के लिए भोजन सामग्री का जायजा लेते हुए 

जिन बिहारी प्रवासी मजदूरों के पास पैसे नहीं हैं, फैक्ट्री मालिकों ने जिन्हें तनख्वाह नहीं दी है. खाली हाथ और भूखे पेट बिहार लौट रहे मजदूरों के लिए भी पप्पू यादव मददगार बने हुए हैं.

पप्पू यादव पटना के मीठापुर बस स्टैंड पहुंचे और बिहार वापस लौटे मजदूरों के बीच भोजन बांटा. पप्पू यादव कहते हैं कि मजदूर देश निर्माता हैं, लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण आज भूखे प्यासे हैं. हम सब यथासंभव मजदूरों के लिए पटना में भोजन की व्यवस्था करेंगे.

जान जोखिम में डालकर

जरा सोचिये! कोरोना काल में चप्पे-चप्पे में डर पसरा हुआ है. अस्पतालों के अंदर-बाहर लाशों पर लाशें बिछी हैं. चारों तरफ चीख है, पुकार है. भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर खौफजदा हैं, मरीजों को छू नहीं रहे, दूर से देख रहे. जनसेवक कहे जाने वाले चेहरे पर मास्क पहनकर ट्विटर और फेसबुक में बयान जारी कर रहे हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सहारे हालात का जायजा ले रहे हैं. 

ऐसे में पप्पू यादव जान जोखिम में डालते हुए अस्पताल से लेकर शमशान तक  हाल जानने पहुंच जा रहे हैं. पप्पू यादव हर रोज कर रहे हैं. खासकर तब जबकि कोरोना से मरे मां-बाप की लाश लेने बेटे नहीं आ रहे हैं. अंतिम संस्कार भी जैसे-तैसे किया जा रहा है.

बिहार के सीवान में ही ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक जज साहब के पिता की कोरोना से मौत हो गई. इस बात का पता जैसे ही जज साहब को हुआ, तो उन्होंने अपने पिता का शव लेने से इनकार कर दिया. इस भयावह स्थिति में भी पप्पू यादव मरीजों के बीच दिख रहे हैं. मृतकों के आश्रितों के गले लगकर आंसू पोंछते मिल जाएंगे.

अभी दो साल पहले पटना में जल जमाव के दौरान पप्पू की दिलेरी की देश भर में तारीफ हुई थी. बाढ़ के पानी में नाव के सहारे पप्पू घर-घर तक खाने का पैकेट और बोतल का पानी लेकर पहुंच रहे थे.

पप्पू यादव वर्तमान में ना सांसद है ना ही विधायक, फिर भी कभी आधी रात में तो कभी दोपहर की चिलचिलाती धूप में बिहार केपरेशान जनता के लिए अस्पताल दर अस्पताल मदद के लिए दौड़ लगा रहे हैं.

https://hindi.awazthevoice.in/upload/news/162067239997_pappu_yadav_kovid_help_3.jpg
 
पप्पू यादव कोरोना पीड़ितों के राहत कार्यों का जायजा लेते हुए 

इलाज वाजिब दरों पर

पप्पू यादव का मानना है कि किसी भी तरह की स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य सेवा की कीमत चाहे प्राइवेट हो या सरकारी सिर्फ सरकार ही तय करे, जिससे सबको वाजिब दर पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा भी मिल सके.

उन्होंने कहा कि बिहार के हालात बहुत ही खराब हैं. संक्रमण गांवों में तेजी से फैल रहा हैं. अस्पतालों में गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं. डॉक्टर नहीं आ रहे हैं. वार्ड बॉय अस्पताल चला रहे हैं. इन परिस्थितियों में से निपटने का एकमात्र उपाय है कि कोविड अस्पतालों को सेना के हवाले किया जाए.

पप्पू यादव किसान परिवार से हैं. पांच बार सांसद रहे हैं. इनकी पत्नी रंजीत रंजन भी सांसद रही हैं. पप्पू यादव दबंग छवि वाले नेता रहे हैं. जब वो रॉबिनहूड थे,