राम लला को तंबू में क्यों रहना पड़ा, किसने कार सेवकों को गोली मारीः अमित शाह

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 31-12-2021
अमित शाह
अमित शाह

 

अयोध्या. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को अभी भी याद है कि किसने कार सेवकों को गोली मारी थी और पूछा कि ‘राम लला’ को इतने सालों तक एक तंबू में क्यों रहना पड़ा.

शाह ने कहा, ‘कांग्रेस, सपा और बसपा ने अपने कार्यकाल के दौरान राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए कई प्रयास किए. क्या आपको याद है कि किसने कार सेवकों को गोली मारी थी. उन्हें बुरी तरह पीटा गया, मार डाला गया और सरयू नदी में फेंक दिया गया. राम लला को इतने सालों तक तंबू में क्यों रहना पड़ा? अयोध्या में रामनवमी और दीपोत्सव समारोह को किसने रोका? हमें यह सब याद रखना चाहिए. अब, यहां भव्य राम मंदिर के निर्माण को कोई नहीं रोक सकता.’

समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए, गृह मंत्री ने कहा, ‘सपा सरकार के समय तीन पी हुआ करते थे. वे पी परिवारवाद (भाई-भतीजावाद), पक्षपत ((पक्षपात) और पलायन (प्रवास) थे. हालांकि, भाजपा सरकार तीन वी पर काम करती है, जो विकास (विकास), व्यापार (व्यवसाय) और विरासत (सांस्कृतिक विरासत) हैं.

उत्तर प्रदेश में परफ्यूम बनाने वालों पर छापेमारी के बारे में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के इत्र’ की गंध हमें दिखाती है कि सपा के पापों की जड़ें कितनी गहरी हैं. जब उन जड़ों पर हमला किया जा रहा है, तो आप बीमार क्यों महसूस करते हैं अखिलेश यादव?’

सूत्रों ने बताया कि इससे पहले आज सुबह आयकर विभाग ने इत्र व्यवसायी और समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी पुष्पराज जैन और एक अन्य इत्र व्यापारी के परिसरों में कर चोरी के लिए तलाशी शुरू की.

कानपुर के एक इत्र व्यवसायी पीयूष जैन को भी इस महीने की शुरुआत में उनके आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें बेहिसाब नकदी, सोना और चंदन की लकड़ी बरामद हुई थी.

अमित शाह एक दिवसीय अयोध्या दौरे पर हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मंदिर के दर्शन से की.

केंद्रीय मंत्री का यह दौरा आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के कारण महत्वपूर्ण है.

उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी ने 403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में से 312 सीटें हासिल कीं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने 47 सीटें हासिल कीं, बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) ने 19 सीटें जीतीं और कांग्रेस केवल सात सीटें जीतने का प्रबंधन कर सकी. बाकी सीटों पर अन्य उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया.