आंख, कान और पेट समेत इन रोगों में रामबाण सा असर करता है ‘गुग्गुल’!

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 17-03-2025
Guggulu is a panacea for these diseases including eye, ear and stomach!
Guggulu is a panacea for these diseases including eye, ear and stomach!

 

नई दिल्ली
 
"गुग्गुलुः शूलवातघ्नो वातपित्तकफघ्नश्च. शोथघ्नो मेदोघ्नो च गुग्गुलुः सर्वकायका "यानी गुग्गुलु शूल और वात के लिए, पित्त और कफ के लिए, शोथ और मेद के लिए भी लाभकारी है. सुश्रुत संहिता का ये श्लोक गुग्गुल के 'सर्वगुण संपन्न' होने की कहानी कहता है!  
 
दुनियाभर में पेड़-पौधों की कई ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनका आयुर्वेद में एक अहम स्थान है. आंखों का रोग हो या कान की दुर्गंध या फिर पेट के रोग समेत शरीर से जुड़ी कई अनगिनत बीमारियां हो, उनके उपचार के लिए ‘गुग्गुल’ का ही इस्तेमाल किया जाता है. आज आपको ‘गुग्गुल वृक्ष’ के बारे में बताएंगे, जिसके अनगिनत फायदे हैं.
 
2015 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित पत्र के मुताबिक एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमाव) और मोटापे (मेदोरागा) के संदर्भ में गुग्गुल के प्रभाव का खुलासा जनवरी 1966 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में प्रस्तुत एक डॉक्टरेट थीसिस में हुआ. इससे पहले, गुग्गुल को विभिन्न प्रकार के गठिया के उपचार के लिए एक आयुर्वेदिक दवा के रूप में ज्यादा जाना जाता था.
 
‘गुग्गुल’ का वानस्पतिक नाम ‘कॉमीफोरा विग्टी’ है, जो भारत के अधिकतर शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है. यहां इसकी कई प्रजातियां उपलब्ध हैं. इनमें से मुख्य रूप से कॉमीफोरा विग्टी और सी स्टॉकसियाना है, जो राजस्थान और गुजरात के शुष्क क्षेत्रों में पाए जाते हैं.
 
‘गुग्गुल’ एक बहुउपयोगी पौधा है, जिससे निकलने वाले गोंद का इस्तेमाल एलोपैथी, यूनानी और आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है. इसके गोंद के रासायनिक और क्रियाकारक तत्व मोटापा दूर करने, तांत्रिकीय असंतुलन, रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा और कुछ अन्य इलाज में कारगर माने गए हैं.
 
गुग्गुल के लोबान का धुआं क्षय रोग में भी हितकारी पाया गया है. विश्लेषणों से पता चला है कि इनमें स्टेरॉयड वर्ग के दो महत्वपूर्ण यौगिक, जेड-गुग्गुलस्टेरोन और ई-गुग्गुलस्टेरोन पाए जाते हैं.
 
आयुर्वेद में ‘गुग्गुल’ को शरीर से जुड़े कई इलाज के लिए रामबाण माना गया है. ‘गुग्गुल’ गोंद की तरह होता है, जिसकी तासीर गर्म और कड़वी होती है. बताया जाता है कि ‘गुग्गुल’ अल्सर, बदहजमी, पथरी, मुंहासे, बवासीर, खांसी, आंख संबंधी रोग दूर करने में लाभदायक है.
 
‘गुग्गुल’ में विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट, क्रोमियम जैसे अनेक तत्व भी पाए जाते हैं. इसी वजह से इसका औषधि के रूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. कहते हैं कि आंखों के रोग में गुग्गुल फायदेमंद होता है. इसके अलावा कान से आने वाली दुर्गंध को भी कम करने में यह सहायक है. इतना ही नहीं, इसे खट्टी डकार, पेट के रोग, एनीमिया, बवासीर और जोड़ों के दर्द में सहायता करता है.