आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत में तेजी से बढ़ रही मोटापे की समस्या से निपटने के लिए एक अनूठी पहल की शुरुआत हुई है। एलाइ लिली एंड कंपनी (इंडिया) ने एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन्स ऑफ इंडिया (API) के साथ मिलकर 'API - ओबेसिटी गुरुकुल' कार्यक्रम की घोषणा की है, जो देश में मोटापे के इलाज और जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
यह कार्यक्रम Continuing Medical Education (CME) के तहत लॉन्च किया गया है, जिसका उद्देश्य डॉक्टरों को मोटापे के इलाज में नवीनतम वैज्ञानिक जानकारी और व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करना है। भारत के 10 से अधिक शहरों में 20,000 से अधिक हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को इस गुरुकुल के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।
गुरुकुल से प्रेरित आधुनिक चिकित्सा शिक्षा
इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसका ढांचा भारतीय गुरुकुल प्रणाली से प्रेरित है। यानी इसमें डॉक्टरों को व्यक्तिगत शारीरिक सत्रों और ऑनलाइन इंटरैक्टिव मड्यूल्स के माध्यम से गहन और समग्र शिक्षा दी जाएगी। API की राज्य इकाइयों द्वारा इन शैक्षणिक सत्रों का संचालन किया जाएगा।
एलाइ लिली इंडिया के सीनियर मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. मनीष मिस्त्री ने कहा, "मोटापा एक जटिल और पुरानी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसे केवल दवाओं से नहीं, बल्कि निरंतर चिकित्सा शिक्षा, सहानुभूति और हेल्थकेयर सिस्टम के तालमेल से ही बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है।" उन्होंने आगे कहा, "ओबेसिटी गुरुकुल के माध्यम से हम डॉक्टरों को मोटापे की रोग प्रक्रियाओं और नवीनतम उपचारों के बारे में जानकारी देकर उनके उपचार कौशल को सशक्त बना रहे हैं। इससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण देखभाल मिलेगी।"
मोटापा: एक गंभीर स्वास्थ्य संकट
API के अध्यक्ष डॉ. ज्योतिमय पाल ने बताया "मोटापा अब सिर्फ एक लाइफस्टाइल समस्या नहीं रहा, बल्कि यह एक गंभीर रोग है, जिसका मानसिक, शारीरिक और आर्थिक असर होता है।" उन्होंने कहा कि ओबेसिटी गुरुकुल डॉक्टरों को इस रोग को गंभीरता से लेने और उसे लंबे समय तक नियंत्रित करने की दिशा में सशक्त करेगा।
भारत में मोटापे की स्थिति
भारत में लगभग 10 करोड़ लोग मोटापे से पीड़ित हैं। 2023 के आंकड़ों के अनुसार, देश में वयस्कों में मोटापे की प्रसार दर लगभग 6.5% रही। मोटापे के कारण कई पुरानी बीमारियां जैसे डायबिटीज़, हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि मोटापे से ग्रसित लोगों को भी वही चिकित्सा सुविधा और गंभीरता मिलनी चाहिए जो अन्य पुरानी बीमारियों के मरीजों को मिलती है।
उद्देश्य और महत्व
ओबेसिटी गुरुकुल का उद्देश्य न केवल मोटापे की पहचान और उपचार को बढ़ावा देना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि डॉक्टर मरीजों को वैज्ञानिक और सहानुभूति भरे तरीकों से मार्गदर्शन करें। यह पहल चिकित्सा समुदाय में मोटापे को एक क्रॉनिक डिसीज के तौर पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस कार्यक्रम से उम्मीद की जा रही है कि भारत में मोटापे से जूझ रहे लाखों लोगों को अधिक प्रभावी, वैज्ञानिक और दीर्घकालिक देखभाल मिल सकेगी. मोटापे की समस्या अब एक वैश्विक चिंता बन चुकी है, और भारत इससे अछूता नहीं है। ऐसे में 'ओबेसिटी गुरुकुल' जैसे कार्यक्रम देश के हेल्थकेयर सिस्टम में एक बड़ी सकारात्मक शुरुआत माने जा सकते हैं। यह पहल न केवल डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों में भी नया बदलाव ला सकती है।