ह्रदय रोगों का रामबाण उपचार है अर्जुन छाल, आयुर्वेद से मॉडर्न साइंस तक कायल

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-02-2025
Arjun bark is a panacea for heart diseases, Ayurveda as well as modern science are convinced
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नई दिल्ली. भारत में करीब 3000 से भी ज्यादा वर्षों से इस जड़ी बूटी का प्रयोग किया जाता है. 'हृदय की जड़ी बूटी' या 'दिल का राजा' भी इसे कहते हैं. यह हृदय का खास ख्याल रखता है. आयुर्वेद के दो महान आचार्यों चरक और सुश्रुत ने इसका वर्णन किया है, तो वहीं अष्टांग हृदयम में भी इसका उल्लेख है. विदेशों में भी इस पर स्टडी हुई है, जिसके बाद कहा गया कि अर्जुन की छाल में एंटी-इस्केमिक, एंटीऑक्सिडेंट, हाइपोलिपिडेमिक और एंटीथेरोजेनिक गुण हैं, जो हार्ट संबंधी परेशानियों को ट्रीट करने में मदद करते हैं.

कुछ साल पहले यूएस के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (एनसीबीआई) में एक रिपोर्ट छपी. बताया गया कि अर्जुन के जलीय अर्क ने मेंढक के हृदय की मांसपेशियों के संकुचन के बल को बढ़ा दिया. वहीं खरगोश के दिल में भी गजब का काम किया. खरगोश के दिल में कोरोनरी प्रवाह को बढ़ा दिया.

अर्जुन के पेड़ को वैज्ञानिक भाषा में टर्मिनलिया अर्जुन कहा जाता है. आमतौर पर इसे अर्जुन के नाम से जाना जाता है. एनसीबीआई के मुताबिक, इस पेड़ की छाल के काढ़े का उपयोग भारतीय उपमहाद्वीप में सदियों से सीने में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर और डिस्लिपिडेमिया के लिए किया जाता है. कई मॉडर्न रिसर्च में यह पता चला है कि अर्जुन की छाल में एंटी-इस्केमिक, एंटीऑक्सिडेंट, हाइपोलिपिडेमिक और एंटीथेरोजेनिक गुण पाए जाते हैं.

दिल ही नहीं, पेट के लिए भी अर्जुन छाल बेहतरीन रिजल्ट लेकर आता है. दस्त और पेचिश जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में इसका प्रयोग होता है. इसमें मौजूद टैनिन कसैला तो होता है, लेकिन नतीजे का स्वाद जबरदस्त होता है! यह पाचन तंत्र में सूजन को कम करने, दस्त और पेचिश जैसी समस्याओं से बचाव में मदद करता है.

जिस तरह का हमारा लाइफस्टाइल है, उसमें अर्जुन की महत्ता बढ़ जाती है. यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है, खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने में सहायक है. यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम कर एंटी-एजिंग प्रभाव डालते हैं. यह तनाव और चिंता को भी कम करता है. किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर की सलाह पर ही अर्जुन छाल का उपयोग किया जाना चाहिए.