आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
जापानी दोपहिया वाहन कंपनी यामाहा को उम्मीद है कि इस साल भारत से उसका निर्यात 25 प्रतिशत बढ़ेगा और वह अपने चेन्नई कारखाने को वैश्विक बाजार, खासकर विकसित देशों के लिए निर्यात केंद्र बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
यामाहा मोटर कंपनी लिमिटेड के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी और यामाहा मोटर इंडिया समूह के चेयरमैन इटारू ओटानी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कंपनी भारत से लगभग 55 देशों को निर्यात करती है। कंपनी भारत से निर्यात बढ़ाने के लिए और अधिक अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तलाश करेगी।
जब उनसे पूछा गया कि कंपनी इस साल भारत से अपने निर्यात को कैसे देख रही है, तो उन्होंने कहा, ‘‘हम इस साल निर्यात में 25 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
इंडिया यामाहा मोटर प्राइवेट लिमिटेड ने 2024-25 में 2,95,728 इकाइयों के निर्यात के साथ 33.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि 2023-24 में यह 2,21,736 इकाई था।
कंपनी की निर्यात रणनीति साझा करते हुए ओटानी ने कहा, ‘‘यामाहा का चेन्नई कारखाना वैश्विक बाजारों, खासकर अमेरिका, यूरोप और फिर जापान जैसे विकसित देशों के लिए निर्यात केंद्र होगा।’’
उन्होंने कहा कि पहले कदम के तौर पर, कंपनी ने पिछले साल यूरोप को निर्यात शुरू किया था। यह सफल रहा है और यामाहा वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए अपने चेन्नई संयंत्र में निवेश जारी रखे हुए है।
यामाहा तमिलनाडु के चेन्नई कारखाने से कई मॉडल का निर्यात करती है, जिनमें एफजेड वी (149 सीसी), एफजेड वी3 (149 सीसी), एफजेड वी 4 (149 सीसी), क्रूक्स (106 सीसी), सैल्यूटो (110 सीसी), एरोक्स 155 (155 सीसी), रे जेडआर 125 एफआई हाइब्रिड (125 सीसी) और फैसिनो 125 एफआई हाइब्रिड (125 सीसी) शामिल हैं।
कंपनी उत्तर प्रदेश के सूरजपुर स्थित अपनी दूसरी विनिर्माण इकाई से भी निर्यात करती है।
ओटानी ने कहा, ‘‘इस समय हम 55 देशों को निर्यात करते हैं। कुल मिलाकर, हम (इस वर्ष) निर्यात में 25 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रख रहे हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यामाहा निर्यात बढ़ाने के लिए नए बाजारों की तलाश कर रही है, उन्होंने कहा, ‘‘हम विकसित देशों सहित अन्य बाजारों की योजना बना रहे हैं।’’