नई दिल्ली
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल भारत में अपने कारोबार को सूचीबद्ध करने यानी आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) लाने की कोई योजना नहीं है। कंपनी का ध्यान अब उत्पादों में कृत्रिम मेधा (एआई) को तेजी से अपनाने और भारत जैसे प्रमुख विकासशील बाजार में बिक्री बढ़ाने पर केंद्रित है।
सैमसंग के दक्षिण पश्चिम एशिया के अध्यक्ष और सीईओ जे बी पार्क ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि भारत में कंपनी अपने विनिर्माण विस्तार को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। इसके तहत मोबाइल फोन डिस्प्ले के निर्माण के लिए कल-पुर्जों की खरीद पर उत्पाद से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन किया गया है। कंपनी का नोएडा स्थित स्मार्टफोन विनिर्माण संयंत्र वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख निर्यात केंद्र बन चुका है।
आईपीओ की संभावना के सवाल पर पार्क ने कहा, “नहीं, फिलहाल हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है।” उन्होंने बताया कि सैमसंग आंतरिक विकास और परिचालन विस्तार को प्राथमिकता दे रही है, जबकि दक्षिण कोरियाई कंपनियां जैसे हुंडई मोटर इंडिया और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स आईपीओ के जरिए पूंजी जुटा रही हैं।
पार्क ने कहा कि कंपनी के पास विकास के लिए आवश्यक पूंजी की पर्याप्त आपूर्ति मौजूद है। आईपीओ के अलावा, पूंजी जुटाने के अन्य विकल्प जैसे संस्थागत ऋण और कॉर्पोरेट बॉन्ड मौजूद हैं। इसके माध्यम से सैमसंग अपनी वित्तीय और रणनीतिक दिशा पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रख रही है।
सैमसंग भारत में तीन अनुसंधान एवं विकास केंद्रों और एक डिजाइन केंद्र के माध्यम से 10,000 से अधिक इंजीनियरों को रोजगार देती है, जो स्थानीय और वैश्विक उत्पाद नवाचारों में योगदान देते हैं। पार्क ने बताया कि भविष्य के सैमसंग उत्पादों में एआई एक प्रमुख आधारशिला होगी और इनमें से कुछ उत्पाद अगले महीने लास वेगास में आयोजित होने वाली दुनिया की सबसे बड़ी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शनी ‘सीईएस 2026’ में प्रदर्शित किए जाएंगे।
कंपनी की यह रणनीति यह दर्शाती है कि वह भारत में दीर्घकालिक विकास क्षमता में विश्वास रखती है और वित्तीय स्थिरता के साथ उत्पाद नवाचार को भी आगे बढ़ा रही है।