आवाज- द वॉयस/ एजेंसी
भारतीय शॉर्ट-फॉर्म ऐप्स के 2025 तक अपने मासिक सक्रिय यूजर आधार को बढ़ाकर 60 करोड़ (सभी स्मार्टफोन यूजर्स का 67 प्रतिशत) करने की उम्मीद है, जो 2030 तक 19 बिलियन डॉलर का मुद्रीकरण अवसर होगा. एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है. भारतीय अब अपने स्मार्टफोन पर मनोरंजन कंटेंट देखने में प्रतिदिन लगभग 156 मिनट खर्च करते हैं. वास्तव में, औसतन एक भारतीय उपयोगकर्ता हर दिन करीब 38 मिनट का शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट का उपभोग करता है.
बेंगलुरु स्थित रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट के विकास की अगली लहर टियर 2 शहरों और उससे आगे आने की संभावना है, जिन क्षेत्रों में शॉर्ट फॉर्म वीडियो देखने की अधिक प्रवृत्ति है.
इसके अतिरिक्त, भारतीय शॉर्ट-फॉर्म ऐप्स के लिए कंटेंट और एल्गोरिदम की गुणवत्ता में तेजी से सुधार विकास का एक और महत्वपूर्ण चालक है. शॉर्ट-फॉर्म ऐप मार्केट में मोज, जोश, रोपोसो, एमएक्स टकाटक और चिंगारी आदि का वर्चस्व है.
रेडसीर के पार्टनर मोहित राणा ने कहा, "भारतीय शॉर्ट-फॉर्म ऐप में अन्य स्थापित प्लेटफॉर्म की तुलना में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है, इसका श्रेय उनकी कम निर्णय थकान, भाषा स्थानीयकरण, सिफारिशों, शैली की विविधता और स्थानीय निर्माता प्रभाव को दिया जा सकता है."
भारतीय ऐप्स अब विज्ञापन, वीडियो कॉमर्स और कुछ हद तक उपहार देने के माध्यम से अपने बड़े और जुड़े हुए उपयोगकर्ता आधार का मुद्रीकरण शुरू करने के लिए तैयार हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक, शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट डिजिटल विज्ञापन पाई का करीब 10-20 प्रतिशत ले सकता है.
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, "इसके अलावा, शॉर्ट-फॉर्म ऐप्स में वीडियो-आधारित वाणिज्य एक और बड़ा अवसर है और चीन इस बात का प्रमाण है कि पिछले 4 वर्षो में अकेले चीन में वीडियो-आधारित वाणिज्य 100 गुना बढ़ा है."