मुंबई
हिंदी और मराठी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री और दिवंगत फिल्मकार वी. शांतराम की पत्नी संध्या शांतराम का शुक्रवार रात 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका देहांत उम्र संबंधी बीमारियों के चलते हुआ। यह जानकारी उनके परिवार ने शनिवार को दी।
संध्या शांतराम, वी. शांतराम की तीसरी पत्नी थीं और उन्होंने उनकी कई प्रतिष्ठित फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिका निभाई थी। इनमें शामिल हैं —
“झनक झनक पायल बाजे” (1955), “दो आंखें बारह हाथ” (1957), “नवरंग” (1959), और “पिंजरा” (1972)।
वी. शांतराम की दूसरी पत्नी जयश्री से उनके बेटे किरण शांतराम ने पीटीआई को बताया कि"संध्या जी का शुक्रवार रात 10 बजे निधन हुआ। वह पिछले कई सालों से अस्वस्थ थीं और हाल ही में उन्हें बुखार और खांसी की शिकायत थी। वह राजकमल स्टूडियो में रह रही थीं।"
किरण ने भावुक होते हुए कहा,"हम अक्सर उनसे कहते थे कि आप 100 साल तक हमारे साथ रहेंगी। दुख की बात यह है कि उनका अपने पति से कोई संतान नहीं थी, लेकिन उन्होंने मुझे और मेरी बहनों को अपने बच्चों की तरह प्यार दिया। वह बेहद मधुर स्वभाव की थीं, शानदार खाना बनाती थीं और हमें अपने हाथों से खिलाती थीं।"
उनके अंतिम संस्कार शनिवार सुबह शिवाजी पार्क श्मशान में किए गए।1950 और 60 के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री संध्या शांतराम ने हिंदी के साथ-साथ मराठी फिल्मों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके करियर की कुछ और यादगार फिल्में थीं —"सेहरा", "जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली", और "अमर भूपाली"।
संध्या शांतराम भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग की उन अदाकाराओं में थीं, जिन्होंने अपनी कला, समर्पण और गरिमा से दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।