न्यायालय ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज के खिलाफ आरोपियों की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 15-07-2025
The court will hear the petition of the accused against the release of 'Udaipur Files' on Wednesday
The court will hear the petition of the accused against the release of 'Udaipur Files' on Wednesday

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

उच्चतम न्यायालय कन्हैया लाल दर्जी हत्या मामले में आरोपियों की उस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा जिसमें मामले पर आधारित फिल्म की रिलीज का विरोध किया गया है.
 
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बागची की पीठ ने मंगलवार को कहा कि ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल दर्जी मर्डर’ की रिलीज पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली फिल्म निर्माताओं की याचिका 16 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.
 
यह फिल्म पिछले हफ्ते 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली थी. शीर्ष अदालत में यह याचिका मोहम्मद जावेद ने दायर की थी, जो इस मामले में आठवें आरोपी के रूप में मुकदमे का सामना कर रहा है. जावेद ने मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
 
आरोपियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि यह मामला निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार से जुड़ा है और उन्होंने पीठ से फिल्म निर्माताओं की याचिकाओं के साथ उनकी याचिका पर भी सुनवाई करने का अनुरोध किया.
 
पीठ ने गुरुस्वामी से कहा, ‘‘हम 16 जुलाई को याचिका पर सुनवाई करेंगे। एक साथ या अलग-अलग, हम इस बारे में अभी नहीं कह सकते लेकिन हम इस पर सुनवाई करेंगे.’’
 
शीर्ष अदालत ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 10 जुलाई को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की। फिल्म के निर्माताओं ने दलील दी थी कि ‘सेंसर बोर्ड’ (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) से प्रमाणन मिलने के बावजूद रिलीज पर रोक लगा दी गई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बागची की पीठ ने कहा कि वह बुधवार या उसके बाद किसी भी दिन इस पर सुनवाई करेगी.
 
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 जुलाई को ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी जब तक कि केंद्र फिल्म पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं कर लेता। याचिका में कहा गया है कि फिल्म समाज में ‘‘वैमनस्यता को बढ़ावा’’ दे सकती है इसलिए इसकी रिलीज पर रोक लगायी जानी चाहिए।
 
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिकाओं सहित अन्य याचिकाओं में दावा किया गया था कि 26 जून को जारी फिल्म का ट्रेलर ऐसे संवादों और दृश्यों से भरा पड़ा है जिनसे 2022 में सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ और आशंका है कि फिल्म की रिलीज से फिर से वही भावनाएं भड़क सकती हैं.
 
उदयपुर के एक दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी.
 
हमलावरों ने बाद में एक वीडियो जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि पूर्व भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद उनके समर्थन में दर्जी कन्हैया लाल शर्मा के सोशल मीडिया खाते पर कथित तौर पर साझा किए एक पोस्ट के जवाब में उसकी हत्या की गई थी.
 
इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने की थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा कठोर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह मुकदमा जयपुर की विशेष एनआईए अदालत में लंबित है.