ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख़ ख़ान सिर्फ अपनी फिल्मों और अदाकारी के लिए ही नहीं, बल्कि समाजसेवा के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी परोपकारी संस्था ‘Meer Foundation’ (मीर फ़ाउंडेशन) महिलाओं और बच्चों के अधिकारों तथा कल्याण के लिए समर्पित एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह संस्था शाहरुख़ की माँ मीर ताज महल के नाम पर स्थापित की गई थी, जिनकी स्मृति और मूल्यों को आगे बढ़ाने का यह प्रयास है।
मीर फ़ाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2013 में शाहरुख़ ख़ान ने की थी। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, उनके अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। शाहरुख़ का मानना है कि समाज की असली ताक़त महिलाओं और बच्चों में छिपी होती है, और यदि इन्हें सशक्त किया जाए तो समाज का समग्र विकास संभव है।
फाउंडेशन न केवल महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, और पुनर्वास जैसे मुद्दों पर भी काम करता है।
महिला सशक्तिकरण:
संस्था हिंसा और शोषण से पीड़ित महिलाओं को कानूनी मदद, काउंसलिंग और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती है।
स्वास्थ्य सेवाएँ:
मीर फ़ाउंडेशन नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर आयोजित करता है, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।
दुराचार पीड़ितों की मदद:
फाउंडेशन ने दुराचार और अपराध से प्रभावित महिलाओं को न केवल सुरक्षित आश्रय दिया, बल्कि उनके पुनर्वास और सम्मानजनक जीवन के लिए अवसर भी उपलब्ध कराए।
कोरोना महामारी के दौरान, मीर फ़ाउंडेशन ने देशभर में ज़रूरतमंदों को भोजन, राशन और दवाइयाँ उपलब्ध कराईं। प्रवासी मज़दूरों से लेकर गरीब परिवारों तक, हजारों लोगों को राहत पहुँचाई गई।
पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के बीच, मीर फ़ाउंडेशन ने एक बार फिर अपनी समाजसेवी भूमिका निभाई है। संस्था ने स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर अमृतसर, पटियाला, फाजिल्का और फिरोजपुर ज़िलों के 1,500 से अधिक प्रभावित परिवारों तक राहत सामग्री पहुँचाई है।
राहत किट में दवाइयाँ, खाद्य पदार्थ, स्वच्छता सामग्री, मच्छरदानी, तिरपाल, फोल्डिंग बेड और गद्दे जैसी आवश्यक वस्तुएँ शामिल की गईं। इस अभियान का उद्देश्य पीड़ित परिवारों की तात्कालिक ज़रूरतें पूरी करना और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन की नई शुरुआत करने में मदद करना है।
शाहरुख़ ख़ान ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (X) पर लिखा था: “मेरा दिल पंजाब में बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के साथ है। प्रार्थनाएँ और हौसला भेज रहा हूँ… पंजाब की रूह कभी नहीं टूटेगी… खुदा उन्हें सलामत रखे।”
मीर फ़ाउंडेशन लगातार यह साबित करता रहा है कि समाजसेवा सिर्फ दान या मदद तक सीमित नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी का प्रतीक है। चाहे प्राकृतिक आपदा हो, महामारी या सामाजिक संकट, शाहरुख़ ख़ान और उनकी संस्था हर बार ज़रूरतमंदों तक मदद पहुँचाने में अग्रसर रहे हैं।
शाहरुख़ की यह पहल हमें यह सिखाती है कि समाज की असली पहचान उसकी सेवा और सहयोग की भावना से होती है। आने वाले समय में मीर फ़ाउंडेशन निश्चित रूप से और भी कई ज़िंदगियों को नई दिशा और आशा देने का काम करता रहेगा।