Neeraj Ghaywan rubbishes reports of a meager amount being given to the family of the 'homebound' victim
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
फिल्मकार नीरज घेवन ने शुक्रवार को उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि उनकी फिल्म ‘‘होमबाउंड’’ के वास्तविक जीवन के प्रेरणास्रोतों में से एक अमृत के परिवार को फिल्म के लिए बहुत कम राशि दी गई।
यह फिल्म हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज हुई और इसे 98वें एकेडमी पुरस्कार के लिए भारत के आधिकारिक चयन के रूप में चुना गया है। यह फिल्म पत्रकार बशारत पीर के ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के आलेख "टेकिंग अमृत होम"(ए फ्रेंडशिप, ए पैनडेमिक एंड ए डेथ बिसाइड द हाईवे) से प्रेरित है।
आलेख में उत्तर प्रदेश के एक प्रवासी श्रमिक अमृत कुमार और उनके दोस्त मोहम्मद सैय्यब की सच्ची कहानी बताई गई है। कुमार कोविड-19 महामारी के दौरान सूरत से घर लौटते समय राजमार्ग पर भीषण गर्मी के कारण गश खाकर गिर पड़े थे, तब सैय्यब ने उन्हें संभाला था। इस आलेख में कठिनाइयों के बीच प्रवासियों की असाधारण दोस्ती पर प्रकाश डाला गया है।
ऐसी खबरें आई थीं कि "होमबाउंड" की टीम ने कहानी के लिए अमृत के परिवार को केवल 10,000 रुपये दिए थे।
घेवन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह प्रतीकात्मक राशि केवल एक छोटी सी निशानी थी, जो उन्होंने अमृत के पिता राम चरण को उनके शुरुआती शोध के दौरान विदा होते समय व्यक्तिगत रूप से दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘आपमें से कुछ लोगों ने उन खबरों पर चिंता व्यक्त की है जिनमें दावा किया गया है कि जिस परिवार के जीवन से होमबाउंड प्रेरित है, उसे मात्र 10,000 रुपये दिए गए- जो शर्मनाक रूप से कम राशि है।
उन्होंने लिखा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह राशि एक छोटी सी निशानी थी जो मैंने कई साल पहले अपने शुरुआती शोध के दौरान राम चरण जी (अमृत के पिता) को व्यक्तिगत रूप से दी थी, बस एक विदाई के रूप में। कृपया इसे सहायता की पूरी राशि समझने की भूल न करें।"
फिल्मकार ने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से राशि का उल्लेख नहीं करना चाहता, क्योंकि इससे 'होमबाउंड' के मूल नायक अमृत और सैय्यब के साथ मेरे जुड़ाव का अनादर होगा।"
ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर की मुख्य भूमिकाओं वाली "होमबाउंड" का विश्व प्रीमियर 78वें कान फिल्म महोत्सव में ‘अन सर्टेन रिगार्ड सेगमेंट’ के तहत हुआ था।