नई दिल्ली
बॉलीवुड की ग्लैमरस दुनिया जितनी चमकदार दिखती है, उसके पीछे उतनी ही कड़वी सच्चाइयाँ भी छिपी हैं। इसी सच्चाई का सामना अभिनेत्री मौनी रॉय ने अपने करियर की शुरुआत में किया था। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में मौनी ने अपने शुरुआती संघर्षों और एक अपमानजनक ऑडिशन अनुभव के बारे में खुलकर बात की, जिसने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया था।
मौनी ने बताया कि यह घटना तब की है जब वह महज़ 21 या 22 साल की थीं और बॉलीवुड में अपने पहले मौके की तलाश कर रही थीं। वह एक दिन एक ऑफिस में ऑडिशन देने पहुँचीं, जहाँ कई लोग पहले से मौजूद थे। सीन ऐसा था जिसमें नायिका पानी में गिरकर बेहोश हो जाती है और नायक उसे बाहर निकालकर कृत्रिम सांस (माउथ टू माउथ) देता है।
लेकिन तभी एक अप्रत्याशित और असहज करने वाली घटना हुई। मौनी के अनुसार, “वहाँ मौजूद एक व्यक्ति अचानक मेरे पास आया और बिना मेरी इजाज़त लिए मेरे होंठों को पकड़ लिया। उसने वही सीन दोहराने की कोशिश की, मानो मैं कोई चीज़ हूँ, इंसान नहीं।”
मौनी ने बताया, “कुछ सेकंड के लिए मुझे समझ ही नहीं आया कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मैं सन्न रह गई। फिर जैसे ही होश आया, मैं तुरंत वहाँ से नीचे की ओर भागी। उस पल ने मुझे अंदर तक हिला दिया। उस घटना की याद आज भी मेरे ज़ेहन में ताज़ा है।”
अभिनेत्री ने उस व्यक्ति का नाम या पहचान उजागर नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि इस घटना ने उन्हें लंबे समय तक मानसिक रूप से परेशान रखा। “उस एक अनुभव ने मुझे सिखाया कि इस इंडस्ट्री में सिर्फ़ टैलेंट नहीं, हिम्मत और आत्म-सम्मान की रक्षा करना भी उतना ही ज़रूरी है,” मौनी ने कहा।
मौनी रॉय ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविज़न से की थी और ‘नागिन’ सीरीज़ से घर-घर में लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद उन्होंने 2018 में अक्षय कुमार की फिल्म ‘गोल्ड’ से बड़े पर्दे पर धमाकेदार डेब्यू किया। फिर ‘रोमियो अकबर वाल्टर’, ‘मेड इन चाइना’ और सुपरहिट फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र: पार्ट वन – शिवा’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को खूब सराहा गया।
आज मौनी बॉलीवुड की एक स्थापित और सम्मानित अभिनेत्री हैं, लेकिन उस कड़वे अनुभव की छाया अब भी उनके दिल में है। उन्होंने कहा, “मैं उस दिन को भूल नहीं सकती, लेकिन शायद उसी ने मुझे और मजबूत बना दिया। अब मैं हर नई लड़की को यही सलाह देती हूँ कि अपने आत्मसम्मान के साथ कभी समझौता न करें—क्योंकि कोई भी काम, कोई भी मौका उससे बड़ा नहीं होता।”
मौनी की यह स्वीकारोक्ति न केवल बॉलीवुड की वास्तविकताओं पर रोशनी डालती है, बल्कि उन तमाम कलाकारों के साहस को भी आवाज़ देती है जो अपने सपनों की कीमत आत्मसम्मान से चुकाने को तैयार नहीं हैं।