If you want to get rid of mobile addiction, then definitely show this movie to your children...
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
Best Movies for Kids: आज की टेक्नोलॉजी ने बचपन बदल दिया है. जहां पहले खेल-कूद से बच्चों का मन बहल जाता था. तो वहीं आज के समय में बच्चें मोबाइल फोन के आदि होते जा रहे हैं.
बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ आज के जमाने के बच्चो का बचपन भी कहीं खो सा गया है. जहां पहले बच्चे बहुत से खेल खेला करते थे, तो वहीं अब सारा दिन फोन में लगे रहते है. जिससे उनकी सेहत पर भी काफी असर पड़ रहा है. साथ ही उनके माता-पिता के लिए भी ये बढ़ी चिंता बनती जा रही है, लेकिन अगर इसी टेक्नोलॉजी को ठीक से इस्तेमाल करा जाये तो यह वाकई लाजवाब साबित होगी. इसी के चलते आज हम आपको ऐसी फिल्मों के बारे में बताएंगे, जिसने बच्चों को दिखाने से उनकी फोन की लत कुछ हद तक दूर हो सकती है.
फिल्म 'स्टेनली का डब्बा' की कहानी
स्टेनली अंधेरी ईस्ट के होली फैमिली हाई स्कूल में पढ़ता है और टिफिन न लाने पर बहाना बनाता है. वह दोस्तों के साथ खाना शेयर करता है, जिससे हिंदी शिक्षक बाबूभाई वर्मा नाराज हो जाते हैं और उसे स्कूल आने से मना कर देते हैं. जब तक वह अपना टिफिन न लाए. देखिए इसका क्या असर होता है स्टेनली, शिक्षकों और उसके दोस्तों पर.
फिल्म 'आई एम कलाम' की कहानी
यह फिल्म एक बच्चे के सपने पर आधारित है जिसका नाम छोटू है. छोटू एक गरीब लेकिन होशियार लड़का है जिसे मां ढाबे पर काम करने भेजती है. राष्ट्रपति कलाम से प्रेरित होकर वह बड़ा बनने का सपना देखता है. ढाबे पर लोगों से मिलते हुए उसका जीवन बदलता है. कठिनाइयों में भी वह अपने सपनों के लिए डटा रहता है.
फिल्म 'तहान' की कहानी
फिल्म तहान नामक एक आठ वर्षीय लड़के की कहानी है, जो कश्मीर में अपने परिवार के साथ रहता है. दादा की मौत और पिता की गैरहाजरी के बीच उसका पालतू गधा बीरबल भी जमींदार ले जाते हैं. तहान की जिंदगी का मकसद अब सिर्फ बीरबल को वापस लाना है.
फिल्म 'फरारी की सवारी' की कहानी
यह फिल्म एक ईमानदार क्लर्क रूसी और उसके बेटे कायो की कहानी है, जिसका सपना क्रिकेटर बनना है. गरीबी और मजबूरियों के बीच रूसी बेटे का सपना पूरा करने के लिए गलत राह चुनता है, जिससे उसकी ज़िंदगी में मुश्किलें बढ़ जाती हैं.
फिल्म 'निल बटे सन्नाटा' की कहानी
यह फिल्म एक गरीब मां-बेटी की कहानी है, जहां मां बेटी को पढ़ाना चाहती है, मगर बेटी वही करना चाहती है जो मां करती है. मां उसकी खोई उम्मीदों को फिर से जगाने की कोशिश करती है. फिल्म दिखाती है कि सपनों का मर जाना सबसे बड़ा दुख होता है.