अहंकार स्टारडम का साथी है, जमीन से जुड़े रहना मुश्किल होता है: कमल हासन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 28-05-2025
Ego is a companion of stardom, it is difficult to stay grounded: Kamal Haasan
Ego is a companion of stardom, it is difficult to stay grounded: Kamal Haasan

 

नई दिल्ली 
 
अपने 65 साल से ज़्यादा लंबे फिल्मी करियर में कमल हासन ने अभिनय, निर्देशन, पटकथा लेखन, कोरियोग्राफी और यहां तक कि मेकअप में भी हाथ आजमाए और वह सब कुछ किया, जो एक कलाकार करना चाहता है. क्या कुछ करना बाकी है? हमें लग सकता है कि बहुत कुछ. लेकिन, वह (पूरी ईमानदारी से) कहते हैं कि उन्होंने किसी समय सीखना बंद कर दिया था. जब इसकी वजह पूछी गई तो उनका जवाब था, "लोभ" की वजह से.
 
हासन का कहना है कि ज्यादा पैसे का लालच उनके रास्ते में आ गया. हासन ने इसी सप्ताह ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, "मुझे पैसा पसंद है. मैं चाहता हूं कि यह मेरे पास रहे."
 
जीवन, फिल्मों, विचारों, विरासत और अपनी कमजोरियों के बारे में खुलकर बात करते हुए हासन एक फिल्म स्टार के जीवन के अंतर्निहित विरोधाभासों को स्वीकार करते हैं : उन्हें "बेशुमार दर्शकों" से मिले प्रेम की खुशी है तो वास्तविक प्रशंसा या ईमानदारीपूर्वक आलोचना न होने का अफसोस भी है.
 
उन्होंने यह सब बहुत अच्छी तरह महसूस किया है, क्योंकि वह लगभग पूरी ज़िंदगी फिल्मों की दुनिया में ही गुजार चुके हैं. वह सिर्फ तीन साल के थे जब उन्हें एक तमिल फिल्म में काम करने का मौका मिला. तब से, कुछ अंतरालों को छोड़कर, 70 वर्षीय अभिनेता लगातार बदलते समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए खुद को नया रूप दे रहे हैं.
 
उस असाधारण सी शुरुआत और इतनी सारी उपलब्धियों के बाद, क्या उनका खुद की पीठ थपथपाकर 'शाबाश कमल' कहने का मन करता है? इस पर हासन के जवाब से यह स्पष्ट हो जाता है कि वह सफलता को अस्थायी मानते हैं.
 
समाचार एजेंसी के मुख्यालय में हुए साक्षात्कार में हासन ने कहा, "मेरे पसंदीदा लेखक जयकांतन ने कहा है कि 'एक बार जब आप एवरेस्ट पर चढ़ जाते हैं, तो शीर्ष पर ही न बने रहें क्योंकि वहां (रहने के लिए) कोई जगह नहीं है. फिर आप उससे चिपके रहेंगे और किसी और को उस पर चढ़ने नहीं देंगे. और आप सचमुच ओझल हो जाते हैं, क्योंकि आप लोगों के केंद्र में नहीं होते हैं."
 
उन्होंने कहा कि शीर्ष पर पहुंचकर अकेलापन भी महसूस हो सकता है. “अपूर्व रागंगल”, “नायकन”, “थेवर मगन”, “सदमा”, “पुष्पक विमान” और “चाची 420” जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय करने वाले हासन की आने वाले दिनों में फिल्म “ठग लाइफ” रिलीज होने वाली है, जिसका निर्देशन मणिरत्नम ने किया है. फिल्म 5 जून को कई भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.
 
दक्षिण भारतीय फिल्मों के कई अन्य सितारों की तरह राजनीतिक पार्टी शुरू करने वाले हासन ने कई फिल्मों का निर्देशन भी किया है, जिनमें "हे राम" और "विश्वरूपम" शामिल हैं.
 
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि फिल्मी सितारों का जीवन आसान नहीं होता क्योंकि उनके करीबी लोग हमेशा उन्हें ऊपर उठाने की कोशिश करते हैं और उनके "पैर जमीन पर नहीं पड़ने देते.”
 
उन्होंने कहा, "सिनेमा की खूबसूरती यह है कि आपको यहां अनगिनत दर्शकों का तो भरपूर प्यार मिलता है, लेकिन यह आपको उन लोगों से दूर भी ले जाता है, जो आपके सफलता की ओर बढ़ने के दिनों के गवाह होते हैं. ऐसे में आप ऐसे लोगों से खुद को दूर कर लेते हैं और अहंकार आ जाता है. आप न तो उनसे आलोचना और न ही तारीफ सुनना चाहते हैं.”
 
भारतीय सिनेमा के 120 साल के इतिहास में आधे से ज़्यादा समय तक फ़िल्म उद्योग से जुड़े रहने वाले हासन अपनी उपलब्धियों को कम आंकते हैं और अपने करियर के शुरुआती सालों के बारे में बहुत ही बेबाकी से बात करते हैं.
 
उन्होंने कहा, "अपने काम के शेड्यूल की वजह से मैंने और गुरुओं की तलाश बंद कर दी. मुझे लगता है कि पैसे के लालच ने मुझे सीखने से रोक दिया. नहीं तो, मैं और ज्यादा सीख सकता था...."
 
उन्होंने कहा कि अमीरी वह चीज है जिसका लोग 20 साल की उम्र में सपना देखते हैं और वह भी ऐसे ही थे.
 
हासन ने कहा, "मैं जोखिम उठाकर काफी समय तक उस रास्ते पर चलता रहा. फिर मैंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की. सौभाग्य से, मैंने 30 साल की उम्र से पहले ही ऐसा कर लिया. यह एक जोखिम भरा काम था."
 
क्या हासन चाहते हैं कि 2075 में सिनेमा के इतिहास की किताब पढ़ने वाला कोई व्यक्ति उनके बारे में पढ़े? इस पर उन्होंने कहा कि इतिहास की किताबों में उनका उल्लेख तो दूर की बात है, अगर 50 साल बाद कोई उन्हें याद भी करे तो वह आभारी होंगे.
 
उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि उन्हें मेरा नाम याद रहेगा. वे किसी और व्यक्ति के साथ मेरी तुलना करेंगे, और मुझे बिना किसी कारण श्रेय मिल जाएगा.”
 
हासन का जन्म महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित एक वकील पिता के घर हुआ था. उन्होंने अपने बच्चों का उपनाम बदलकर 'हासन' रख दिया.
 
हासन ने कहा कि वह खुद को "एक असाधारण और प्रतिभाशाली बच्चा" मानते थे.
 
उन्होंने कहा, "यह एक ऐसी आत्मसंतुष्टि थी जो सात या आठ साल की उम्र में दूर हो गई. मुझे एहसास हुआ कि कई और प्रतिभाशाली बच्चे हैं, जिनके सामने मैं कुछ नहीं हूं.”
 
वह बताते हैं कि सिनेमा में आने के बाद उन्होंने रंगमंच का रुख किया जहां उनकी मुलाकात कई प्रतिभाशाली लोगों से हुई. उन्होंने कहा, "पहले तो मैं हीन भावना से ग्रस्त था, लेकिन फिर उन्होंने मुझे स्वीकार कर लिया और मुझे एहसास हुआ कि मुझे बहुत कुछ सीखना है."
 
हासन फिलहाल 'ठग लाइफ' के प्रचार में व्यस्त हैं. यह 38 साल पहले आई 'नायकन' के बाद मणिरत्नम के साथ उनकी दूसरी फिल्म है.
 
हासन ने कहा कि 230 से ज्यादा फिल्मों के करियर में सिर्फ एक दर्जन फिल्में ही ऐसी हैं जिन्हें वह अपनी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्में मानते हैं. इनमें "सागर संगमम" और "नायकन" शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वह आज भी इन फिल्मों को बहुत पसंद करते हैं.
 
क्या हमेशा व्यस्त रहने वाले इस स्टार ने कभी पीछे हटने के बारे में सोचा है?
 
इस पर उन्होंने कहा, "इस बारे में उम्र फैसला करेगी, उपलब्धियां नहीं. हो सकता है कि उपलब्धियां आपको सही जवाब न दे पाएं. लेकिन उम्र आपको बता देगी, मैंने अभी कुछ तय नहीं किया है.”