गुवाहाटी,
ब्रह्मपुत्र साहित्य महोत्सव का अगला संस्करण 6 से 8 फरवरी के बीच असम के शिवसागर में आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष का महोत्सव असम की सांस्कृतिक विरासत के दो महान प्रतीकों—भारत रत्न भूपेन हज़ारिका और प्रसिद्ध गायक–संगीतकार ज़ुबीन गर्ग—को विशेष श्रद्धांजलि अर्पित करेगा।
महोत्सव की थीम रखी गई है—“लय, शब्द और कला का संगम: मानवता की आवाज़ का उत्सव”।महोत्सव की निदेशक और प्रख्यात लेखिका रीता चौधरी ने बताया कि इस संस्करण में संगीत, साहित्य और मानवीय संवेदनाओं के आपसी संबंध को विशेष रूप से रेखांकित किया जाएगा।
रीता चौधरी ने कहा, “ब्रह्मपुत्र हमारे लिए मानवता का प्रतीक है—विस्तृत, समावेशी, कालातीत और संगीतमय। पहाड़ों की लय और नदियों की धारा के माध्यम से यह महोत्सव आवाज़ों का संगम बनता है, सकारात्मक सोच का एक मंच।”
उन्होंने आगे कहा कि भूपेन हज़ारिका की जन्म शताब्दी और ज़ुबीन गर्ग की कलात्मक विरासत को सम्मान देते हुए यह आयोजन मानवता को समर्पित एक सांस्कृतिक अर्पण बन जाता है।
गौरतलब है कि भूपेन हज़ारिका की जन्म शताब्दी असम समेत देश के कई हिस्सों में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए मनाई जा रही है। वहीं, ज़ुबीन गर्ग का निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैराकी के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में हो गया था। वह वहां पूर्वोत्तर भारत के एक सांस्कृतिक महोत्सव में प्रस्तुति देने गए थे।
आधारशिला ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस साहित्य महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन 5 फरवरी को होगा। इससे पहले गौरिपुर में आयोजित कर्टेन रेज़र कार्यक्रम में ज़मींदार राजा प्रभात चंद्र बरुआ, अभिनेता–फिल्मकार प्रमथेश बरुआ और राजबाड़ी की प्रतिष्ठित महिलाओं के कला, संस्कृति और परंपरा में योगदान को सम्मानित किया जाएगा।
शिवसागर गर्ल्स कॉलेज परिसर में होने वाले इस महोत्सव में देश–विदेश से लेखक, कवि, कलाकार और विचारक भाग लेंगे। प्रारंभिक सूची के अनुसार, कार्यक्रम में कवि–गीतकार प्रभा वर्मा, लेखिका मित्रा फुकन, शिक्षाविद विजया ठाकुर, बांग्लादेशी कवि शिमुल सलाहुद्दीन, लोक कलाकार खजूर सिंह ठाकुर और म्यांमार की इतिहासकार थिन थिन आय शामिल हैं।
महोत्सव में बोडो और मिशिंग समुदायों की सांस्कृतिक पहचान, परंपराओं और कला को भी विशेष रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही एक एथनिक फूड स्ट्रीट भी होगी, जहां क्षेत्रीय व्यंजनों की विविधता देखने को मिलेगी।
इस अवसर पर विभिन्न विधाओं से जुड़ी हस्तियों को पांच प्रतिष्ठित पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष फरवरी में ब्रह्मपुत्र साहित्य महोत्सव का एक विशेष संस्करण नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में भी आयोजित किया गया था।