मुंबई
अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा का कहना है कि निर्देशक अनुराग कश्यप के साथ उनकी आगामी फिल्म ‘बंदर’ पर काम करना उनके करियर का एक बदलाव लाने वाला अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने पूरी तरह से खुद को निर्देशक की सोच के हवाले कर दिया और इस प्रक्रिया को पूरा दिल लगाकर जिया।
सान्या के मुताबिक, अनुराग कश्यप का काम करने का तरीका काफी हद तक निर्देशक अनुराग बसु से मिलता-जुलता है, जिनके साथ उन्होंने साल 2020 की फिल्म ‘लूडो’ में काम किया था।“वो (कश्यप) कमाल के हैं। मैंने स्क्रिप्ट तक नहीं पढ़ी थी। मुझे नहीं पता था कि मैं किस चीज़ का हिस्सा बनने जा रही हूं। लेकिन मुझे ऐसी प्रक्रिया में काम करने में मज़ा आता है। आखिरी बार जब ऐसा हुआ था, तो मैं ‘लूडो’ की शूटिंग कर रही थी। मैं सेट पर थोड़ी उलझन में थी, लेकिन फिर भी मैंने उस सफर का भरपूर आनंद लिया। मैं आमतौर पर एक्टिंग में फर्स्ट बेंचर हूं – हर बार होमवर्क करके जाती हूं, अपने किरदार के लिए बैकस्टोरी बनाती हूं।”
“लेकिन जब निर्देशक कहते हैं कि, ‘बस हमारी बात सुनो, ज़्यादा मत सोचो’, तो मुझे वो तरीका भी पसंद आता है। मैंने खुद को पूरी तरह से उनके हवाले कर दिया। हमने हर एक सीन में जादू रचा।”
फिल्म ‘बंदर’, जिसमें मुख्य भूमिका बॉबी देओल निभा रहे हैं, एक ऐसे सुपरस्टार की कहानी है जिस पर बलात्कार का आरोप लगता है। यह फिल्म अदालतों में दबाए गए सच, न्याय प्रणाली की खामियों और समाज की कड़वी सच्चाइयों को उजागर करती है।सान्या फिल्म में बॉबी देओल के किरदार 'समर' की बहन का रोल निभा रही हैं।
फिल्म के एक बेहद भावनात्मक और चुनौतीपूर्ण सीन को याद करते हुए सान्या कहती हैं:“मेरे सारे सीन बॉबी सर के साथ हैं... एक सीन में मैं इतनी ज़्यादा गुस्से में आ गई कि मेरे पैर कांपने लगे, मैं खड़ी नहीं रह पा रही थी। मेरा को-एक्टर मुझे संभाल रहा था। हम दोनों के बीच कोई डायलॉग भी नहीं था। मैं चिल्ला रही थी और वो रो रहे थे। ये सब कैसे हुआ, मुझे आज भी समझ नहीं आता।”“हम वो टेक रख भी नहीं पाए... लेकिन वो सीन हम कर पाए सिर्फ इसलिए क्योंकि अनुराग कश्यप ने सेट पर वो माहौल बनाया था। यह मेरी ज़िंदगी का सबसे पागलपन भरा, लेकिन सबसे सुकून देने वाला अनुभव था।”
‘बंदर’ को निखिल द्विवेदी ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म में सबा आज़ाद और सपना पब्बी भी अहम किरदारों में नजर आएंगी। फिल्म की कहानी अनुराग कश्यप ने ‘पाताल लोक’ और ‘कोहरा’ जैसे प्रोजेक्ट्स से जुड़े सुदीप शर्मा के साथ मिलकर लिखी है।