आवाज द वाॅयस /मुंबई
विशेष एनडीपीएस अदालत ने क्रूज शिप ड्रग मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान,, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को जमानत देने से मना कर दिया.गोवा जाने वाले एक क्रूज के अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल पर छापेमारी के बाद एनसीबी ने उन्हें 3अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.
उन पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8 (सी) के साथ पठित 20बी (खरीद), 27 (खपत), 28 (अपराध करने का प्रयास), 29 (प्रेरणा, साजिश) और 35 (दोषपूर्ण मानसिक स्थिति का अनुमान) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आर्यन के दोस्त मर्चेंट और मॉडल धमेचा के पास से छह और पांच ग्राम चरस कथित तौर पर जब्त किया गया.
अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह और खान के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई की सुनवाई के बाद पिछले गुरुवार को आदेश के लिए उनकी जमानत याचिकाओं को सुरक्षित रखा.
मर्चेंट की ओर से एडवोकेट तारक सैयद और धमेचा की ओर से एडवोकेट अली काशिफ देशमुख पेश हुए.एएसजी ने तर्क दिया कि खान ड्रग्स का नियमित उपभोक्ता है. एजेंसी ने दावा किया है कि प्रथम दृष्टया खान की अवैध खरीद और प्रतिबंधित सामग्री के वितरण में भूमिका है. उसके चैट से अंतरराष्ट्रीय लिंक के संकेत मिलते हैं.
एनसीबी मुख्य रूप से खान के व्हाट्सएप चैट, छापेमारी में जब्ती पंचनामा और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67के तहत दो खुलासे बयानों पर निर्भर था.इसके विपरीत, वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने तर्क दिया कि एनसीबी ने खान से प्रतिबंधित या धन की वसूली नहीं की, जिसका उपयोग ड्रग्स खरीदने के लिए किया जा सकता था. वर्तमान कार्यवाही में खान को फंसाने के लिए व्हाट्सएप चैट का हवाला दिया गया.
देसाई ने दावा किया कि खान को एक उपभोक्ता मानते हुए, विधायिका ने एक सुधारात्मक दृष्टिकोण को अनिवार्य किया क्योंकि 2001में एनडीपीएस अधिनियम में संशोधन किया गया था, और उपभोग के लिए सजा को घटाकर सिर्फ एक वर्ष कर दिया गया था.
देसाई ने तर्क दिया कि एनसीबी ने जहां खान पर ‘अवैध तस्करी‘ का आरोप लगाया, वहीं जमानत का विरोध करने के लिए उन पर धारा 27ए के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया, जो तस्करी से संबंधित है.उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप चैट को आसानी से गलत समझा जा सकता है.
आर्यन से कोई बरामदगी नहीं हुई है. उसके पास नकदी नहीं थी, तो उसकी खरीदारी की कोई योजना नहीं थी. यदि उसके पास कोई पदार्थ नहीं था, तो वह बेचने या उपभोग करने वाला नहीं था .