तालिबान के नए आदेश के बाद अफगान विश्वविद्यालयों से छात्र गायब

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 07-09-2021
तालिबान के नए आदेश के बाद अफगान विश्वविद्यालयों से छात्र गायब
तालिबान के नए आदेश के बाद अफगान विश्वविद्यालयों से छात्र गायब

 

आवाज द वाॅयस / काबुल / नई दिल्ली

तालिबान द्वारा शैक्षणिक संस्थानों पर नए प्रतिबंध लगाने के बाद राजधानी काबुल के विश्वविद्यालयों में छात्रों की संख्या लगभग न के बराबर रह गई है.समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, अफगानिस्तान में नए शैक्षणिक सत्र के पहले दिन काबुल विश्वविद्यालयों में बहुत कम प्रोफेसर और छात्र आए.

तालिबान ने महिलाओं को कुछ शर्तों के आधार पर अध्ययन करने की अनुमति दी है जिसके लिए उन्हें अबाया पहनने की आवश्यकता होगी, जबकि कक्षाओं में पुरुष और महिला छात्रों के बैठने की अलग-अलग व्यवस्था की गई है. क्लाॅस रूम में पर्दे की दीवार बनाई गई है.

काबुल में जॉर्जिया विश्वविद्यालय के निदेशक नूर अली रहमानी ने लगभग खाली परिसर पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हमारे छात्र इन (प्रतिबंधों) को स्वीकार नहीं करते हैं. ऐसे में हमें विश्वविद्यालय को बंद करना होगा. हमारी छात्राएं हिजाब पहनती हैं, नकाब नहीं.‘‘

तालिबान ने यूनिवर्सिटी और कॉलेज जाने वाली छात्राओं के लिए आंखों को छोड़कर पूरे चेहरे को ढकने के लिए घूंघट और फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है.

तालिबान ने रविवार को निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए विस्तृत आदेश जारी करते हुए कहा कि महिला और पुरुष छात्रों के लिए अलग-अलग कक्षाएं होंगी या कक्षा में पुरुष और महिला छात्रों के बीच पर्दे की दीवार होनी चाहिए.

जॉर्जिया विश्वविद्यालय के निदेशक नूर अली रहमानी ने कहा, ‘‘हम (प्रतिबंध) स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि ऐसा करना बहुत मुश्किल होगा.‘‘यह वास्तविक इस्लाम नहीं है, न ही कुरान हमें ऐसा करने का आदेश देता है.‘‘

तालिबान की ओर से जारी नए आदेशों के मुताबिक, केवल महिला या बड़े पुरुष शिक्षक ही छात्राओं को पढ़ा सकेंगे, जबकि महिलाएं अलग रास्ते से विश्वविद्यालयों या कॉलेजों में प्रवेश करेंगी.

छात्राओं को पुरुषों की तुलना में पांच मिनट पहले कक्षा समाप्त करने के लिए कहा गया है, ताकि पुरुषों और महिलाओं को मिलने से रोका जा सके.सभी निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए गए हैं, जो 2001में तालिबान के पहले युग के समाप्त होने के बाद से तेजी से विकसित हुए हैं. हालांकि तालिबान ने अभी तक सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है.

कुछ छात्राओं का मानना है कि तालिबान के नए शासन के तहत महिलाएं विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा जारी रखने में सक्षम होंगी.सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए, जहरा बर्मन, जो अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए एक छात्रवृत्ति कार्यक्रम चलाती हैं, ने कहा कि उन्होंने कुछ महिला छात्रों से बात की और विश्वविद्यालय लौटने पर खुश जताई, भले ही उन्हें अबाया पहनना पड़े.

जहरा बर्मन ने कहा कि तालिबान द्वारा महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय खोलना एक महत्वपूर्ण विकास है. बातचीत जारी रहेगी ताकि अन्य अधिकारों और स्वतंत्रता पर सहमति हो सके.

काबुल में इब्न सीना विश्वविद्यालय के प्रवक्ता जलील तदजलील ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रवेश की व्यवस्था की गई है.उन्होंने कहा कि उन्हें तालिबान द्वारा लगाए गए फैसले को स्वीकार या अस्वीकार करने का कोई अधिकार नहीं है.

शिक्षा सत्र के पहले दिन आमतौर पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भीड़ होती है, लेकिन काबुल में शैक्षणिक संस्थान सोमवार को खाली रहे.जॉर्जिया विश्वविद्यालय के निदेशक नूर अली रहमानी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में केवल 10से 20प्रतिशत छात्र ही आए.

उन्होंने अनुमान लगाया कि अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से 30 प्रतिशत तक छात्र अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं.