आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने कहा है कि हमें धातु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण को सभी जीवन रूपों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित रखने के तरीके पर व्यापक शोध करने की आवश्यकता है. जामिया कुलपति नेहरू विज्ञान संग्रहालय, मुंबई में जीव विज्ञान और चिकित्सा की 16वीं अंतर्राष्ट्रीय मेटल इओन्स संगोष्ठी में बोल रही थीं. इसका उद्घाटन महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी के एक संदेश के साथ शुरू हुआ.
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन दल, विशेष रूप से सम्मेलन अध्यक्ष डॉ सुनाली खन्ना को बधाई देते हुए प्रो अख्तर ने अपने आभासी संबोधन में सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों पर जोर देने के साथ जीव विज्ञान और चिकित्सा में मेटल इओन्स के महत्व पर प्रकाश डाला.
उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें धातु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण को सभी जीवन रूपों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित रखने के तरीके पर व्यापक शोध करने की आवश्यकता है. कुलपति ने देश के युवाओं से आगे आने और निर्णायक भूमिका निभाने की अपील की, क्योंकि वे ऊर्जा से भरे हुए हैं.
उन्हें लंबी पारी खेलनी है. साथ ही, उन्हें कई चीजों को ठीक करना होगा, जिसमें उनके बुजुर्ग सफल नहीं रहे है.उन्होंने विशेष रूप से लड़कियों से आगे आने और विशेष रूप से चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में आगे आने और नेतृत्व करने की अपील की, जिसमें अधिक समर्पण और देखभाल करने वाले स्वभाव की आवश्यकता होती है.
उन्होंने कहा कि ‘‘मुझे आप सभी को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमारे विश्वविद्यालय में कुलाधिपति, कुलपति, प्रो कुलपति और वित्त अधिकारी सभी महिलाएं हैं. कई डीन और अध्यक्ष भी महिलाएं हैं जो जामिया को हर रोज बेहतर शिक्षा की जगह बनाने का प्रयास कर रही हैं.”
संगोष्ठी के दौरान विशेष रूप से मेटल आधारित टॉक्सिकोलॉजी और नैनो प्रौद्योगिकी पर विश्व स्तर के ज्वलंत विषयों पर 50 से अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया.