इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आधुनिक इतिहास और अधिक आधुनिक होगा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 17-08-2022
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आधुनिक इतिहास  और अधिक आधुनिक होगा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आधुनिक इतिहास और अधिक आधुनिक होगा

 

आवाज द  वॉयस/प्रयागराज
 
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद विश्वविद्यालय (एयू) में आधुनिक इतिहास और भी आधुनिक होने की तैयारी में है.इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास विभाग ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत अपने पाठ्यक्रम का विस्तार करने का निर्णय लिया है. वर्ष 2000 के करीब की घटनाओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.
 
वर्तमान में विभाग के स्नातक कक्षाओं में नामांकित छात्र स्वतंत्रता (1947) तक देश के इतिहास का अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन अब, विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, जिसे औपचारिक स्वीकृति के लिए अकादमिक परिषद (एसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
 
विभाग के यूजी छात्रों को अब स्वतंत्रता के बाद और वर्ष 2000 तक राजनीतिक विकास, आंदोलनों, राजनेताओं, साहित्यकारों, संगीतकारों के योगदान से अवगत कराया जाएगा.एयू में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा और इसके लिए यह नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है.
 
विभागाध्यक्ष प्रो. आलोक प्रसाद ने बताया कि प्रथम सेमेस्टर में समाज सेवा में राष्ट्रीय निर्माण विषय को शामिल किया गया है.इस विषय को फाउंडेशन कोर्स के रूप में शामिल किया जाएगा. इसी तरह दूसरे सेमेस्टर में राष्ट्र का इतिहास और राष्ट्रवाद और इतिहास का शोध पढ़ाया जाएगा.
 
वास्तुकला और कला का इतिहास, जो तीसरे सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा, भारत के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक इतिहास में बदलाव को कवर करेगा.चौथे सेमेस्टर में वर्तमान इतिहास, वर्ष 2000 तक पढ़ाया जाएगा.
 
इसमें स्वतंत्रता के बाद से लेकर वर्ष 2000 तक प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रमुख साहित्यकारों का योगदान शामिल रहेगा.इसके साथ ही आजादी से लेकर 2000 तक देश में हुए सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक बदलावों का भी जिक्र होगा.
 
पांचवें सेमेस्टर में लैटिन अमेरिका का इतिहास, सिनेमा का इतिहास और वैकल्पिक विषयों के रूप में फैशन का इतिहास शामिल होगा.छठे सेमेस्टर में वैश्वीकरण का इतिहास, लिंग का इतिहास, भाषा साहित्य का इतिहास पढ़ाया जाएगा.
 
उन्होंने कहा कि लोक मान्यताओं का इतिहास, पर्यावरण का इतिहास सातवें सेमेस्टर में शामिल किया जाएगा, जबकि आठवें सेमेस्टर में शिक्षा यात्रा, शोध प्रबंध पढ़ाया जाएगा.