जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उच्च शिक्षा नीति पर व्याख्यान

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 07-11-2024
Lecture on Higher Education Policy at Jamia Millia Islamia
Lecture on Higher Education Policy at Jamia Millia Islamia

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षा संकाय के शैक्षिक अध्ययन विभाग (डीईएस) ने “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: उच्च शिक्षा के लिए एक परिवर्तनकारी नीति” पर एक विस्तार व्याख्यान आयोजित किया. इस व्याख्यान में गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, डॉ. अंजलि शौकीन मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित थीं.

 इस कार्यक्रम में एम.एड., एम.ए. (शैक्षिक योजना और प्रशासन), एम.ए. (प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास), पीजीडीईएम के छात्रों और विभाग के शोधार्थियों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया.कार्यक्रम की शुरुआत डीईएस की प्रभारी प्रो. हरजीत कौर भाटिया द्वारा डॉ. शौकीन का गर्मजोशी से स्वागत और परिचय देने के साथ हुई, जिसमें उन्होंने शिक्षा नीति में उनकी विशेषज्ञता और क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा. विभागाध्यक्ष प्रो. कौशल किशोर ने भी मुख्य वक्ता और उपस्थित दर्शकों का स्वागत किया.

अपने व्याख्यान में डॉ. शौकीन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने इस नीति की विशेषताओं पर जोर देते हुए कहा कि यह नीति भारत को एक बार फिर से शिक्षा के क्षेत्र में “विश्व गुरु” के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखती है. उन्होंने यह भी बताया कि यह लक्ष्य सभी छात्रों के लिए सुलभ, न्यायसंगत, उच्च-गुणवत्ता और सस्ती शिक्षा के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है.

डॉ. शौकीन ने एनईपी 2020 के मुख्य उद्देश्यों की चर्चा की, जिसमें शिक्षा के प्रति समग्र, लचीले और बहु-विषयक दृष्टिकोण का समावेश है. उन्होंने बताया कि नीति का उद्देश्य 2030 तक प्रीस्कूल से माध्यमिक स्तर तक सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 100% तक बढ़ाना है.

इसके साथ ही उन्होंने सितंबर 2022 में शुरू की गई पीएम श्री योजना का उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य देशभर में 14,500 से अधिक स्कूलों को उन्नत और समावेशी बनाकर छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है.

कार्यक्रम के अंत में, प्रो. हरजीत कौर भाटिया ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा, "डॉ. शौकीन की अंतर्दृष्टि हम सभी के लिए बहुत प्रेरणादायक रही. मुझे इस सार्थक चर्चा में संकाय सदस्यों, छात्रों और शोधार्थियों की गहरी भागीदारी देखकर खुशी हुई.." विभाग के संकाय सदस्य, डॉ. सरिता कुमारी, डॉ. आफाक नदीम खान, डॉ. मूसा अली, डॉ. अली हैदर और डॉ. ज़ेबा तबस्सुम ने भी सत्र में सक्रियता से भाग लिया. कार्यक्रम में तकनीकी सहायता सुश्री प्रियंका सैनी ने दी, जिससे सत्र और भी आकर्षक और सहयोगात्मक हो गया.