आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया केवल पढ़ाई में ही नए कीर्तिमान स्थापित नहीं कर रहा है. समाज सेवा के भी अच्छे कामों में लगा है. इस क्रम में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर जामिया के सेंटर फॉर फिजियोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन साइंसेज ने दिल्ली की बस्ती निजामुद्दीन में होप चैरिटेबल प्रोजेक्ट के सहयोग से मुफ्त फिजियोथेरेपी शिविर का आयोजन किया. इस दौरान मरीजों की सेवा उपचार किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत जामिया के सीपीआरएस की निदेशक प्रो. जुबिया विकार और केंद्र के संकाय सदस्यों द्वारा की गई. प्रो. विकार चाहते थे कि बस्ती के लोगों के साथ रोगी केंद्रित दृष्टिकोण वाला व्यवहार किया जाए और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला उपचार उपलब्ध कराया जाए.
होप प्रोजेक्ट के वोलेंटीयर्स के अथक प्रयासों से स्थानीय निवासियों को इस मूल्यवान अवसर के बारे में सूचित किया गया. इसके बाद बस्ती निजामुद्दीन के लोगों ने सीपीआरएस, जामिया के नेतृत्व में बैनरों के माध्यम से जागृति अभियान चलाया.
शिविर को स्थानीय निवासियों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. इस दौरान विभिन्न मस्कुलोस्केलेटल, न्यूरोलॉजिकल, कार्डियोवैस्कुलर और खेल के कारण आई चोटों का निदान और उपचार किया गया. इस शिविर के माध्यम से शोधार्थियों, पीजी और यूजी छात्रों के साथ संकाय टीम ने 150 से अधिक रोगियों को लाभान्वित किया.
शिविर का मुख्य विचार न केवल तत्काल उपचार रणनीतियों पर केंद्रित था, जीवनशैली में संशोधन और रोगियों के अनुरूप रणनीतियों के माध्यम से दीर्घकालिक स्वास्थ्य बढ़ाने वाले व्यवहार पर मार्गदर्शन प्रदान करना भी था. फिजियोथेरेपी के महत्व पर जोर देते हुए, मरीजों को अनुवर्ती सत्रों के लिए सीपीआरएस, जामिया जाने की सलाह दी गई, जिससे देखभाल की निरंतरता बनी रहे.
प्रोफेसर जुबिया विकार ने शिविर प्रभारी डॉ. मोअज्जम हुसैन खान और डॉ. अक्सा मुजद्ददी के साथ होप प्रोजेक्ट में प्रोफेसर समीउर रहमान (कार्यकारी निदेशक) और डॉ. लिपि धर (चिकित्सा निदेशक) को अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. सीपीआरएस, जामिया और होप चैरिटेबल प्रोजेक्ट के संयुक्त प्रयासों ने इस आयोजन को बड़ी सफलता दिलाई.
यह आयोजन केवल विश्व फिजियोथेरेपी दिवस का स्मरणोत्सव नहीं था, बल्कि यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लोकाचार और सामुदायिक कल्याण के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बन गया.