हिजाब विवादः कर्नाटक हाईकोर्ट छात्राओं की याचिका पर 8 फरवरी को करेगा सुनवाई

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-02-2022
हिजाब विवाद
हिजाब विवाद

 

आवाज द वाॅयस  /  बेंगलुरु

कर्नाटक उच्च न्यायालय सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स, उडुपी की छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं पर 8 फरवरी को ‘हिजाब‘ पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति की मांग पर सुनवाई करेगा.महाधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवादगी, जिन्हें याचिका की अग्रिम प्रति दी गई है, ने समय मांगा था. उनके अनुरोध पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई 8 फरवरी की तारीख तय की.

याचिका में छात्रों ने कहा है कि कॉलेज के अधिकारियों ने उन्हें हिजाब पहनने के कारण कक्षाओं में जाने का अधिकार देने से मना कर दिया है. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि वह सरकार को निर्देश जारी करे कि उनके धार्मिक और मौलिक अधिकारों में हस्तक्षेप न करे. उन्होंने उल्लेख किया कि हिजाब पहनना उनके धर्म का एक अनिवार्य हिस्सा है.

छात्राओं ने अपनी याचिका में स्पष्ट किया है कि उन्होंने वर्दी के साथ हिजाब भी पहना था. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हिजाब पहनने पर प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और लेक्चरर ने उन्हें प्रताड़ित किया.उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक धर्म का पालन करने वाली और हिजाब पहनने वाली छात्राओं को 28 दिसंबर, 2021 को कॉलेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया.

याचिका में यह भी दावा किया गया है कि दिसंबर 2021 के अंतिम सप्ताह से, उनके कक्षा शिक्षक ने उन्हें कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी. उनके माता-पिता को बुलाने के लिए कहा गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि जब माता-पिता आए, तो कॉलेज के अधिकारी उनसे नहीं मिले. उन्हें पूरे दिन इंतजार कराया. छात्राओं ने हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की हैं.

इस बीच, हिजाब विवाद कॉलेज परिसरों को परेशान कर रहा है, क्योंकि विरोध करने वाली छात्राओं ने पीछे हटने से मना कर दिया है. उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि वे केवल हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेंगी. दूसरी तरफ, कॉलेज प्रशासन छात्रों को हिजाब पहन कर कॉलेज में प्रवेश करने से रोक रहा है. प्रदेश के और कॉलेजों में यह मामला सामने आने का खतरा मंडरा रहा है.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कर्नाटक के हिजाब विवाद पर टिप्पणी की है और केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. उन्होंने कहा कि लड़कियों की शिक्षा पर ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ‘ का नारा खोखला है. मुस्लिम छात्राओं को उनके पारंपरिक पोशाक पहनने के कारण शिक्षा प्राप्त करने से बाहर रखा जा रहा है.

उधर, कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि सरकार राज्य में हिजाब विवाद के सामने आने के पीछे सांप्रदायिक ताकतों की भूमिका की जांच कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र की अखंडता और एकता को चुनौती देने के लिए उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि कॉलेज परिसरों में ‘हिजाब‘, ‘निकाब‘, ‘बुर्का‘, भगवा और हरी शॉल के लिए कोई जगह नहीं है.