सिविल सर्विस 2021ः कारगिल के तहसीलदार अनवर हुसैन बनेंगे आईएएस, कड़ी मेहनत लाई रंग

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 02-06-2022
सिविल सर्विस 2021ः कारगिल के तहसीलदार अनवर हुसैन बनेंगे आईएएस, कड़ी मेहनत लाई रंग
सिविल सर्विस 2021ः कारगिल के तहसीलदार अनवर हुसैन बनेंगे आईएएस, कड़ी मेहनत लाई रंग

 

अनवर हुसैन तहसीलदार/ कारगिल ( लद्दाख )

एहसान फाजिली  श्रीनगर पहाड़ी क्षेत्र कारगिल के तहसीलदार और सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अनवर हुसैन भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने वालों में षामिल हंै. लद्दाख के पृथक केंद्र षासित क्षेत्र के गठन के बाद भारतीय सिविल सेवा में जगह बनाने वाले वह पहले मुस्लिम युवा हैं.

बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर मान्यता मिली थी. इसके बाद अनवर यूपीएससी परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले कारगिल से पहले हैं. उन्होंने 600वां रैंक हासिल किया है.

2019 में जेकेएएस परीक्षा पास करने के बाद अनवर हुसैन ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. इसके लिए उनके कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के दोस्तों ने भी प्रेरित किया. हालांकि साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाले अनवर हुसैन के लिए यह आसान काम नहीं था.

उनके पिता हाजी हमजा, बाल्टी बाजार,  कारगिल   के निवासी हैं. 2003 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य सरकार के फार्म इंस्पेक्टर के रूप में सेवानिवृत्त हुए. 32 वर्षीय अनवर की प्रारंभिक शिक्षा कारगिल में हुई. बाद में अलीगढ़ स्थानांतरित हो गए, जहां उन्होंने मदीनत-उल-उलूम से स्कूली शिक्षा पूरी की.

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अनवर ने कारगिल से टेलीफोन पर आवाज द वाॅयस को बताया, ‘‘मैंने बचपन से घर से दूर लगभग दो दशक बिताए हैं.‘‘ उन्होंने दिल्ली से स्नातक किया. उसके बाद 2013में दिल्ली विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान में स्नातकोत्तर दृ तभी से यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में पढ़ाई के दौरान मैंने अपने भविष्य को लेकर कोई सपना नहीं देखा था.‘‘ उनकी विनम्र पृष्ठभूमि के कारण उनके पास एक्सपोजर की कमी थी. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में मेरे कॉलेज और विश्वविद्यालय के दोस्तों की वजह से मुझे प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने की प्रेरणा मिली.‘‘

उन्होंने 2014 में जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर फॉर कोचिंग एंड करियर प्लानिंग से कोचिंग ली है. अनवर ने कहा, ‘‘मेरा ध्यान दिल्ली विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान में शोध और बीपीएससी करने पर था.‘‘

अनवर के अथक प्रयासों का नतीजा है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखी. अनवर ने आवाज-द वॉयस को बताया, ‘‘मैंने परीक्षा पास कर ली है और सातवें प्रयास में अपना लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा.‘‘ यहां तक कि जब उन्होंने पूर्ववर्ती जेके प्रशासनिक सेवा परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया और 2020में राज्य सेवाओं में शामिल हुए, तो यूपीएससी से उनका ध्यान नहीं हटा.

वह कहते हैं, ‘‘लक्ष्य हासिल करना मेरे लिए कठिन संघर्ष था. इस दौरान मुझे कई अनुभव हुए.‘‘ अनवर का संघर्ष और भी कठिन हो गया, क्योंकि उनका कोई आदर्श या संरक्षक नहीं था.अनवर पिछले दो वर्षों से तहसीलदार और प्रभारी एसडीएम, कारगिल के रूप में कार्यरत हैं. वह अखिल भारतीय सिविल सेवा में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं. इस साल अगस्त में प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा.

युवाओं को विशेष रूप से कारगिल जैसे दूरदराज के स्थानों के लोगों को अपने संदेश में, अनवर ने कहा कि उन्हें अपने भविष्य के लिए ‘‘अपने सपनों को पूरा करने की आकांक्षा‘‘ करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कम उम्र में कड़ी मेहनत किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने का आधार है. ‘‘

उन्होंने कहा,यूपीएससी एकमात्र लक्ष्य नहीं .‘‘ उन्होंने सामान्य रूप से युवाओं को बताया कि ऐसे असंख्य क्षेत्र हैं जहां वे कड़ी मेहनत के बावजूद अपना लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं. बस उन्हें अपने करियर को लेकर जुनून दिखानी होगी.‘‘